राज्य सरकार नगर निगमों, परिषदों व पालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही है। लेकिन निकायों की आर्थिक हालत सुधर नहीं रही है। 10 नगर निगमों की बात करें तो दिसंबर 2019 तक 1689 करोड़ 32 लाख 30 हजार रुपए की रिकवरी पेंडिंग चल रही है। इसे लेकर शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है।
विज ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पानीपत नगर निगम के कमिश्नर सुशील कुमार को सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं। इसका कारण पानीपत नगर निगम के रिकवरी में फेल होना बताया गया है। शहरों में विकास को लेकर विज ने आय की समीक्षा की तो सामने आया कि अरबों की रिकवरी पेंडिंग चल रही है। इसमें पानीपत नगर निगम की रिपोर्ट कमजोर रही।
इसलिए उन्होंने निगम कमिश्नर को सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं। पानीपत में रिकवरी 3 सालों से घटती जा रही है। 2018-19 में जहां 81.32 करोड़ रुपए की आय नगर निगम की रही, उसके मुकाबले चालू वित्त वर्ष में सितंबर तक 9.74 करोड़ ही कमाई हो पाई है। सुशील ने करीब चार माह पहले ही पानीपत में पद संभाला था, जबकि पिछले तीन सालाें में इनसे पहले यहां पांच और कमिश्नर सेवाएं दे चुके हैं।
सबसे ज्यादा प्राॅपर्टी टैक्स बकाया
प्रदेश के दस नगर निगमों का सबसे ज्यादा पैसा शहर में रहने वाले लोगों में ही पेंडिंग है। इनमें 1129 करोड़ 48 लाख रुपए तो प्रॉपर्टी टैक्स का बकाया है। इसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी का 207 करोड़ 24 लाख रुपए, ईडीसी का 101 करोड़ 60 लाख रु. बकाया है।
पानीपत में साल दर साल रिकवरी की स्थिति
साल लक्ष्य आय
2017-18 117.41 40.62
2018-19 131.81 81.32
2019-20 121.17 59.19
2020-21 139.35 9.74
(रिकवरी के आंकड़े करोड़ रुपए में सितंबर 2020 तक के)
किस नगर निगम का कितना है बकाया
नगर निगम बकाया
अम्बाला 2269.20
यमुनानगर 5328.12
सोनीपत 9665.07
गुड़गांव 57053.68
करनाल 16872.49
नगर निगम बकाया
हिसार 1793.27
फरीदाबाद 42030.13
पानीपत 25918.66
पंचकूला 1298.50
रोहतक 6703.18
राशि दिसंबर तक बकाया की है, जो लाख रुपए में है।
नगर निगमों की रिकवरी को लेकर रिव्यू किया गया था। पानीपत की प्रगति कमजाेर है। इसलिए वहां के नगर निगम कमिश्नर सुशील कुमार को सस्पेंड करने के लिए सीएस को पत्र लिखा गया है।-अनिल विज, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री
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