मिस हरियाणा बनी अमनजीत सिंह कौर का अगला लक्ष्य मिस इंडिया बनना

 


मिस अंबाला के ताज से नवाजी गई अंबाला की अमनजीत सिंह कौर (Amanjeet Singh Kaur) काफी चर्चाओं में थी. वहीं, अब मिस हरियाणा का ताज पहन कर उन्होंने अपने शहर का नाम रोशन किया है. जिस वजह से माता-पिता और बाकी रिश्तेदारों को भी काफी खुशी है. अब अमनजीत सिंह का अगला लक्ष्य मिस इंडिया है. इसके लिए उन्होंने तैयारी शुरू कर दी है. दिसंबर में मिस इंडिया का फाइनल है.


स्पेन में रहती है अमनजीत सिंह

अमनजीत सिंह कौर ने बताया कि वह पिछले 20 साल से स्पेन में रह रही हैं. उनका जन्म हरियाणा के अंबाला में हुआ है. जब वह 6 महीने की थी तो माता पिता उसे स्पेन में लेकर आ गए. उसके बाद से ही वह स्पेन में ही रहने लगी. उनके पास ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री है. हालांकि, अंबाला से उनका जुड़ाव हमेशा से रहा है. माता-पिता को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए वह अपने खुद के खर्चे के लिए कार्य करती हैं. वह ऑनलाइन कार्य करके अपने खुद के खर्चे निकालती हैं.


बचपन से ही था मॉडलिंग का शौक

अमनजीत कौर को बचपन से ही मॉडलिंग का शौक था. बचपन से ही अमनजीत को तैयार होना बहुत पसंद था. अमरजीत ने बताया कि सूट- सलवार पहनना काफी पसंद है. वहीं, जैसे-जैसे वह बड़ी होती गई, वैसे-वैसे ही मॉडलिंग की तरफ आकर्षित होने लगी. उसके बाद अमनजीत ने फोटो शूट करवाना भी शुरू किया. इसके बाद उन्होंने मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा.


अभी तक का सफर

अमनजीत कौर पिछले महीने में मिस अंबाला बनी थी. अमरजीत ने बताया कि उन्होंने इसके लिए काफी मेहनत की. 19 सितम्बर को ही मिस हरियाणा का ताज भी मिला है. दिसंबर में राष्ट्रीय लेवल के मिस इंडिया में भी भाग लेंगी. उनको अपने आप पर पूरा भरोसा है कि इस लेवल को भी वह पार कर जाएंगी.


पारिवारिक बैकग्राउंड

अमनजीत कौर के पिता स्पेन में नौकरी करते हैं और माता ग्रहणी है. माता और पिता स्पेन में लगभग 20 साल से हैं. दादा-दादी, नाना,-नानी, मामा-मामी और अन्य रिश्तेदार रहते हैं. वह तीन भाई बहन है. तीनों में वह सबसे बड़ी हैं. उनकी एक 15 वर्ष की छोटी बहन और 8 साल का भाई है.

नवरात्र महा अष्टमी, ये शुभ मुहूर्त बीतने से पहले कर लें कन्या पूजन

नवरात्र महा अष्टमी, ये शुभ मुहूर्त बीतने से पहले कर लें कन्या पूजन

 Maha Ashtami 2022 Shubh Muhurt: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होती है. नौ दिन तक चलने वाला ये महापर्व अब समाप्ति की तरफ है. नवरात्र के 9 दिनों में सबसे ज्यादा महत्व अष्टमी और नवमी तिथि का है. अष्टमी को दुर्गाष्टमी भी कहते हैं. ये नवरात्र का आठवां दिन होता है. इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा का विधान है. कहते हैं दुर्गाष्टमी के दिन गौरी मां की उपासना करने से सर्वकल्याण प्राप्त होता है. इस दिन कन्या पूजन करने से भी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस साल शारदीय नवरात्रि की महा अष्टमी 03 अक्टूबर दिन सोमवार को है. आइए जानते हैं कि इस बार महाष्टमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है.



कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त (kanya pujan shubh muhurt)


अमृत- सुबह 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 07 बजकर 44 मिनट तक

शुभ- सुबह 09 बजकर 12 मिनट से सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक

अभिजीत- सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक



कौन हैं मां महागौरी?

चार भुजाओं वाली देवी महागौरी त्रिशूल और डमरू धारण करती हैं. दो भुजाएं अभय और वरद मुद्रा में रहती हैं. इन्हें धन ऐश्वर्य, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली देवी माना गया है. मां महागौरी स्वरूप की पूरी मुद्रा बहुत शांत है. अष्टमी तिथि के दिन मां गौरी की असीम कृपा पाने के लिए आपको उत्तम नियम से मां महागौरी की उपासना करनी होगी.



महाष्टमी की पूजन विधि (Maha ashtami pujan vidhi)

महा अष्टमी पर पीले वस्त्र धारण करके पूजा करें. देसी घी का दीपक जलाकर महागौरी का आव्हान करें और मां को रोली, मौली, अक्षत, मोगरा पुष्प अर्पित करें. इस दिन देवी को लाल चुनरी में सिक्का और बताशे रखकर जरूर चढ़ाएं. इससे मां महागौरी प्रसन्न होती हैं. देवी को नारियल या नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाएं. मंत्रों का जाप करें और अंत में मां महागौरी की आरती करें.



कन्या पूजन की विधि (kanya pujan vidhi)

नवरात्रि में महाष्टमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन सुबह के समय देवी की पूजा के बाद कन्या पूजन किया जाता है. इसमें नौ कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर पूजा जाता है. इनके साथ काल भैरव के रूप में एक छोटे से बालक को भी बैठाया जाता है. सबसे पहले एक बर्तन में इन कन्याओं के चरण धोएं जाते हैं. फिर इनके माथे पर रोली का तिलक और हाथ में कलावा बांधा जाता है. इसके बाद इन्हें हलवा, काले चले और फल का भोग लगाते हैं. अंत में कन्याओं के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है और उन्हें कोई उपहार भेंट किया जाता है.

बचपन का शौक अब चढ़ा परवान: पंजाब में किसान ने बना डाले 50 से अधिक जहाज, खेतों में भरते हैं उड़ान


बचपन में कागज के जहाज बनाकर उड़ाते थे। सपना था कि हवाई जहाज बनाएंगे। पंजाब के 50 वर्षीय किसान यादविंदर सिंह खोखर ने अपने इस सपने को सच करके भी दिखा दिया। वह थर्माकोल से जहाज बना कर रिमोट से उड़ा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन में भी रजिस्ट्रेशन कराया है। खोखर 80 एकड़ जमीन में खेती करने के साथ ही 50 से ज्यादा हवाई एवं जंगी जहाज के मॉडल तैयार कर चुके हैं। खेत में ही 50 फुट का रनवे भी बनाया है। हाल ही में उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है। खोखर ने पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस में किया है। यादविंदर सिंह खोखर बठिंडा के सरियावाला गांव के रहने वाले हैं।

खोखर ने हाल ही में सी-130 हरक्यूलिस का मॉडल बनाया है। यह 94 इंच लंबा और साढ़े सात किलो वजन का है। इसे बनाने में उन्हें करीब दो महीने का समय लगा। इस पर करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च आया। इससे पहले वह एफ-16 जंगी जहाज एवं कई घरेलू एयरक्राफ्ट के मॉडल बना चुके हैं। उन्होंने घर में ऐसे मॉडलों का एक संग्रहालय बनाया है। वह कई विश्वविद्यालयों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों में प्रदर्शनी लगा चुके हैं। इसके लिए उन्हें बठिंडा प्रशासन सम्मानित भी कर चुका है।

खोखर ने बताया कि 2007 में किसी रिश्तेदार की शादी में शामिल होने इंग्लैंड गए थे। वहां पर उन्होंने इसी तरह के मॉडल का एक शो देखा था। वहां से वह दो एयरक्राफ्ट के मॉडल भी खरीद कर लाए। तब उन्हें लगा कि वह अब हकीकत के एयरक्राफ्ट बना सकते हैं। इसके बाद उन्होंने एयरक्राफ्ट के मॉडल से संबंधित ऑनलाइन अध्ययन किया।

खोखर ने अभी थर्माकोल की बॉडी वाले एयरक्राफ्ट मॉडल बनाए हैं। वह आगे कार्बन फाइबर एवं ग्लास की बॉडी के भी एयरक्राफ्ट मॉडल बनाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर यह एयरक्राफ्ट मददगार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा एयरक्राफ्ट एवं ड्रोन का हाइब्रिड बनाकर खेती की देखभाल एवं कीटनाशक दवाइयां छिड़कने जैसे काम भी किए जा सकते हैं।

हरियाणा पुलिस को बड़ी सफलता : कैश वैन से एक करोड़ की लूट मामले में 6 आरोपी गिरफ्तार, 70 लाख रुपये भी बरामद

हरियाणा पुलिस ने 18 अप्रैल को गुरुग्राम में एक कंपनी की कैश वैन से बंदूक की नोक पर 96 लाख रुपये से अधिक की नकदी लूट के मामले में एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए छः आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दो कार, चार मोबाइल फोन, एक पिस्तौल, चार जिंदा कारतूस और 70.5 लाख रुपये की नकदी भी बरामद की है। दिनदहाड़े हुई डकैती में पांच हथियारबंद लोगों ने 18 अप्रैल को एक कैश कलेक्शन कंपनी की वैन से व्यस्त सोहना रोड पर 96,32,931 रुपये लूट की वारदात को अंजाम दिया था। आरोपियों की पहचान छतरपुर, नई दिल्ली निवासी नीलकमल उर्फ कमल, दिवांकर अरोड़ा उर्फ मन्नू, कुलबीर और जावेद, जिला पलवल के गुलाब और जिला फरीदाबाद निवासी जॉनी के रूप में हुई है।

शोरूम के बाहर लगे सीसीटीवी के फुटेज के विश्लेषण के बाद, पुलिस ने पाया कि कार पर लगी नंबर प्लेट यूपी 17 टी 7809 वाली ऑल्टो कार थी। जो बाद में फर्जी पाई गई। इस मामले में 4 पुलिस टीमों को लगाया गया और कैश वैन लूट के पुराने मामलों, कैश ट्रांसपोर्ट कंपनी के पूर्व कर्मचारियों और गुरुग्राम में सीसीटीवी फुटेज को देखना शुरू किया। जिसके बाद कार का नंबर छतरपुर के पते के साथ दिल्ली का पाया गया। उसी रात एक टीम ने छतरपुर निवासी दीवांकर अरोड़ा उर्फ मन्नू को काबू किया, कार के साथ ही नकली यूपी नंबर प्लेट भी बरामद की। उसे शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया और पुलिस ने उसे 28 अप्रैल तक रिमांड पर लिया। पूछताछ में उसने कार लूटने में उसके साथ शामिल होने वाले अन्य लोगों के नामों का खुलासा किया। तब पता चला कि एक अन्य साथी जीतू यूपी के लिए निकल गया था जबकि अन्य तीन वैष्णो देवी मंदिर के लिए निकल गए थे।

क्राइम टीम गुड़गांव पुलिस की तीन टीमें शुक्रवार दोपहर रवाना हुईं- एक कटरा के लिए, एक पठानकोट और तीसरी शंभू बॉर्डर पर तैनात थी। कटरा की टीम ने अपराधियों को एक होटल में ढूंढ़ लिया, लेकिन टीम के पहुंचने से कुछ मिनट पहले ही आरोपियों ने चेक आउट कर लिया था। इसके बाद उन्होंने शंभू और पठानकोट में टीमों को सतर्क किया। एसपी अंबाला से भी टोल स्थल पर मदद मांगी गई। तीनों लोगों को कल रात शंभू सीमा के पास अंबाला टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक पूछताछ के बाद शनिवार/रविवार की दरमियानी रात में छापेमारी की गई और 70.50 लाख रुपये, 1 रिवॉल्वर और 4 कारतूस बरामद किए गए और दो अन्य साथी कुलबीर और जावेद, दोनों छतरपुर को गिरफ्तार किया गया। जावेद एक पूर्व कर्मचारी था जो कंपनी की कैश वैन के ड्राइवर के रूप में काम करता था। छतरपुर में कुलबीर की ट्रांसपोर्ट कंपनी थी।

जावेद, कुलबीर और नीलकमल बचपन के दोस्त हैं। नीलकमल 2008/09 में भोंडसी जेल में जीतू और गुलाब के संपर्क में आया था, जहां तीनों अलग-अलग मामलों में बंद थे। नीलकमल दीवांकर के घर किराएदार के तौर पर रहता था। जॉनी नीलकमल का चचेरा भाई है। इन 7 लोगों ने कुलबीर के ऑफिस में मिलकर प्लान बनाया। उन्होंने 7 अप्रैल को रेकी की थी। 11 अप्रैल को प्रयास किया था, लेकिन जीतू के नहीं आने के कारण बात नहीं बनी। आखिरकार 18 अप्रैल को उन्होंने वारदात को अंजाम दिया। सभी 6 आरोपी 28 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर हैं। जीतू को गिरफ्तार किया जाना है।

हकृवि में क्लर्क की नौकरी के नाम पर युवती से 8 लाख की ठगी (HAU RECRUITMENT FRAUD)

 

हिसार। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में क्लर्क की नौकरी के नाम पर सिरसा में एक युवती के साथ 8 लाख रुपये की ठगी कर ली। डिंग मंडी निवासी युवती ममता के अनुसार, आजाद नगर निवासी पवन कुमार वर्मा ने उससे यह पैसे ठगे हैं। मामले की शिकायत उसने पुलिस को दी तो जांच अधिकारी एएसआई नौरंग ने उससे 50 हजार रुपये की मांग की। आरोप है कि पैसे नहीं देने पर जांच अधिकारी नौरंग ने आरोपित से मिलीभगत कर उससे हुई ठगी के तमाम सबूत नष्ट कर दिए। 

सिविल लाइन थाना पुलिस ने पवन कुमार तथा एएसआई नौरंग के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ममता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि फरवरी 2020 में बस अड्डा के पास एक सिक्योरीटी प्लेसमेंट दफ्तर में उसकी मुलाकात पवन कुमार के साथ हुई थी। यहां पवन ने उससे कहा था कि वह उसको एचएयू में क्लर्क लगवा सकता है। इसके लिए 8 लाख रुपये का इंतजाम करना होगा। इसके बाद उसने 3 मार्च 2021 तक पवन को नकद तथा बैंक ट्रांसफर के माध्यम से 8 लाख रुपये दे दिए। पैसे देने के बाद भी पवन ने न तो उसे नौकरी लगवाया और न ही पैसे वापस किए।

इसके बाद ममता ने 22 अप्रैल को एक शिकायत बस स्टैंड चौकी में दी। इसकी जांच के लिए एएसआई नौरंग ने उसे बुलाया और कहा कि अगर पैसे वापस लेने हैं तो 50 हजार रुपये उसे देने पड़ेंगे। ममता का आरोप है कि पवन कुमार ने उसको कोर्ट परिसर में धमकी दी व 50 हजार रुपये नहीं देने पर एएसआई नौरंग ने उसके द्वारा दिए सबूत नष्ट कर दिए हैं। सिविल लाइन थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जानें लीना खान के बारें में (Know more About Leena Khan), Meta (पहले Facebook) को Instagram और WhatsApp ऐप्स को बेचना पड़ सकता है.


कौन है लीना खान? 

लीना खान का जन्म 3 मार्च 1989 को लंदन, यूनाइटेड किंगडम में पाकिस्तानी माता-पिता के यहाँ हुआ था। लीना खान 11 साल की उम्र में संयुक्त राज्य अमेरिका चली गईं। 2010 में, उन्होंने विलियम्स कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की , जहाँ उन्होंने हन्ना अरेंड्ट पर अपनी थीसिस लिखी । विलियम्स कॉलेज में अपने समय के दौरान, खान ने छात्र समाचार पत्र के संपादक के रूप में कार्य किया।

33 साल की लीना खान (Lina Khan) का नाम एंटीट्रस्ट इशू के साथ पुराने वक्त से जुड़ा हुआ है. जब वह Yale Law School में थी तब से वह अमेरिका में एंटीट्रस्ट और कंपटीशन लॉ काम के लिए जानी जाती हैं. मार्च 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उन्हें कमीशन में अपॉइंट किया और वह जून 2021 से काम कर रही हैं. इसके साथ ही वह Columbia Law School में एसोसिएट प्रोफेसर भी हैं. 

बिक जाएंगे Insta और WhatsApp

Instagram और WhatsApp दोनों ही ऐप्स Meta (Facebook) के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा हैं, लेकिन कंपनी ऐसा क्यों करेगी? इसका कारण फेडरल ट्रेड कमीशन है, जिसका नेतृत्व Lina Khan (लीना खान) कर रही हैं. लीना खान (Lina Khan) को पिछले साल मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कमीशन में अपॉइंट किया. फेडरल ट्रेड कमीशन को फेडरल जज से हरी झंडी मिल गई है, जिसके बाद वह एंट्री ट्रस्ट मामले में दिग्गज टेक कंपनी Meta को कोर्ट में घसीट सकता है.

हालांकि, इससे पहले पिछले साल भी एजेंसी मेटा (तब फेसबुक) के खिलाफ कोर्ट जा चुकी है. उस वक्त कोर्ट ने कम जानकारी के कारण इस मामले की सुनवाई नहीं की. इस बार FTC अपनी शिकायत में बदलाव के साथ कोर्ट पहुंचा है. FTC का आरोप है कि सोशल नेटवर्क क्षेत्र में Meta की मोनोपोली है. हालांकि, FTC की नजर सिर्फ सोशल मीडिया कंपनी Meta पर ही नहीं, बल्कि Amazon और गूगल पर भी है. 


FTC ने पहले दी थी मंजूरी

ध्यान दें कि साल 2012 में FTC ने ही फेसबुक की 1 अरब डॉलर में इंस्टाग्राम के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी. उस वक्त कंपनी में 13 कर्मचारी थे. इसके दो साल बाद यानी साल 2014 में फेसबुक ने इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp को 19 अरब डॉलर में खरीदा. अब FTC दलील दे रहा है कि फेसबुक ने क्रम से अपने कंपटीटर्स को खरीदा है और मोनोपोली बनाई है. कमीशन का आरोप है कि कंपनी के प्रभाव के कारण कंज्यूमर्स को कम विकल्प मिल रहे हैं. साथ ही इस बाजार में नए टेक और बिजनेस इनोवेशन भी नहीं आ रहे. इससे प्राइवेसी प्रोटेक्शन में भी कमी आई है. 

अमेरिका में एंट्रीटस्ट्र मोनोपोली लॉ की पैरवी करते हुए लीना खान में अपने करियर में बड़ी टेक कंपनियों को चुनौती दी है. हालांकि, मेटा ने अपने बचाव में लीना की इसी इमेज का इस्तेमाल किया है. कंपनी का दावा है कि लीना कंपनियों को लेकर पक्षपात करती है. वहीं मामले की सुनवाई कर रहे फेडरल जज James E. Boasberg ने मेटा के इस दावे को खारिज कर दिया.

निजी क्षेत्र की नौकरियों में हरियाणा के युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण अब लागु, जानें- कैसे मिलेगा हरियाणा वासियो को लाभ (75% Reservation Rule in Haryana)



हरियाणा के युवाओं को 15 जनवरी से 30 हजार रुपये तक की निजी नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण मिलना शुरू हो जाएगा। सरकार ने हरियाणा राज्य स्थानीय व्यक्ति रोजगार अधिनियम, 2020 लागू करने के लिए अधिसूचना 2021 में ही जारी कर दी थी, जो कि शनिवार से पूरे प्रदेश में प्रभावी हो जाएगी। निजी कंपनियों, ट्रस्ट व सोसायटी इत्यादि में प्रदेश के युवाओं को मिले रोजगार से जुड़े आंकड़े हरियाणा श्रम विभाग की वेबसाइट पर मौजूद रहेंगे। वेबसाइट पर जाकर कोई भी उन्हें देख सकता है। 

श्रमायुक्त ने शुक्रवार को बताया कि 15 जनवरी से लागू हो रहे कानून से जुड़ी हर जानकारी पाने के लिए विभाग ने पोर्टल भी बनाया हुआ है। कानून प्रभावी होने से 10 वर्ष तक लागू रहेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बीते वर्ष इस कानून की अधिसूचना जारी होने के बाद प्रदेश को 2024 तक बेरोजगार मुक्त-रोजगार युक्त बनाने का नारा दिया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह कानून बेहद अहम है। इससे राज्य के हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।

सरकार में सहयोगी जजपा ने हरियाणा में लगी कंपनियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी रोजगार दिलाने का वादा विधानसभा चुनाव में किया था। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का कहना है कि कंपनियों को कर्मचारियों का डाटा सरकार को उपलब्ध कराने के लिए 15 जनवरी तक का समय दिया था। कंपनियों ने जानकारी श्रम विभाग के पोर्टल पर डाल दी है।

निजी कंपनियों व ट्रस्ट आदि को श्रम विभाग हरियाणा की वेबसाइट पर उपलब्ध पोर्टल पर सकल मासिक वेतन या 30 हजार रुपये से अधिक वेतन प्राप्त करने वाले अपने सभी कर्मचारियों को पंजीकृत करना अनिवार्य है। इस कानून के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन दंडनीय अपराध है।

जानकारी छुपाने पर ये होगी कार्रवाई

कोई कंपनी, फैक्टरी, संस्थान, ट्रस्ट अपने कर्मचारियों की जानकारी छुपाएगा तो जुर्माने का प्रावधान है। निजी सेक्टर में कार्यरत किसी भी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। 30 हजार रुपये तक की नौकरी वाले हर कर्मचारी को श्रम विभाग की वेबसाइट पर अपने नाम का पंजीकरण कराना होगा। यह निशुल्क है। इसकी जिम्मेदारी संबंधित कंपनी, फर्म अथवा रोजगार प्रदाता की होगी। जो कंपनी अपने कर्मचारी की सूचना पंजीकृत नहीं करवाएगी उसे हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट टू लोकल केंडिडेट्स एक्ट-2020 के सेक्शन-3 के तहत 25 हजार से एक लाख रुपये तक जुर्माना किया जा सकेगा। अगर फिर भी कंपनी कानून का उल्लंघन करती है तो उसे हर रोज पांच हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।


ये रहेगा कानून का प्रारूप

हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट टू लोकल कैंडिडेट्स एक्ट-2020 प्रदेश के सभी निजी उद्योगों, फर्म अथवा हर उस रोजगार प्रदाता पर लागू होगा, जहां 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। यह नियम पहले से कार्यरत कर्मचारियों पर लागू न होकर नई भर्तियों पर लागू होगा।