हरियाणा के भिवानी जिले के तोशाम एरिया में शनिवार सुबह पहाड़ दरकने से हुए हादसे के बाद दूसरे दिन रविवार को भी बचाव अभियान जारी है। बड़े पत्थरों में होल करके डाइनामाइट लगाकर अब ब्लास्ट की तैयारी है। इसके लिए घटनास्थल व आसपास का एरिया सील कर दिया गया है। उसके बाद इन पत्थरों को साइड में खिसकाया जाएगा।
मलबे से शवों के मिलने का सिलसिला अभी भी जारी है। रविवार सुबह तक मृतकों की संख्या 5 हो गई है। देर रात रेस्क्यू टीम को मलबे में दबा एक और शव मिला। शव किसी मशीन ऑपरेटर का बताया जा रहा है, जो पंजाब का रहने वाला है। हादसे के बाद मलबे में 20 से ज्यादा लोंगों के दबे होने की आशंका जताई गई।
NDRF के डिप्टी डायरेक्टर बीआर मीणा ने बताया कि शनिवार देर रात धुंध बढ़ जाने के कारण डाडम में रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आई। सुबह भी यहां पर घनी धुंध छाई हुई रही। सिर्फ 5 फीट तक विजिबिलिटी है। एक बहुत बड़ा पत्थर रेस्क्यू में बाधा पैदा कर रहा है। टीम उस पत्थर में बड़ा छेद कर ब्लास्टिंग की तैयारी में लगी है। इस काम तक देर शाम तक का समय लग सकता है। रात को एक और बॉडी निकाली गई, उसे प्रशासन को हैंडओवर कर दिया। एक और ड्राइवर के यहां दबे होने की कन्फर्म रिपोर्ट है। NDRF की 42 सदस्यीय टीम रेस्क्यू में लगी है।
रविवार सुबह तक 6 मशीनों के लगातार काम करने के बावजूद घटनास्थल से सिर्फ आधा मलबा ही हटाया जा सका है। देर रात टीम ने स्निफर डॉग और थ्रो वॉल्ट मशीनों से दबे लोगों की सर्चिंग की थी और 4 से ज्यादा पॉइंट पर लोगों के दबे होने के संकेत दिए थे, लेकिन मशीन से वहां पर किसी के जिंदा होने के सिग्नल नहीं मिले।
मेंटेन नहीं था हाजिरी रजिस्टर, यह लापरवाही
खनन नियमों के अनुसार, खदान में काम करने के लिए उतरने वाले मजदूरों, ड्राइवर, ऑपरेटर के लिए एक हाजिरी रजिस्टर होना चाहिए। कौन कितने बजे काम के लिए अंदर गया है, उसमें रिकॉर्ड दर्ज होता है। डाडम में जहां पर यह हादसा हुआ है, यह प्रतिबंधित एरिया है। खदान की ओर आने वाले एक मात्र रास्ते पर कंपनी ने बैरिकेडिंग कर रखी है और मुख्य रास्ते पर 6 CCTV लगाए गए हैं। रास्ते पर बगैर अनुमति के किसी के जाने पर मनाही है। इसके बावजूद यह पता न होना कि कितने लोग अंदर काम कर रहे थे और कौन-कौन अंदर था, अपने आप में खनन काम में चल रही बड़ी लापरवाही को बता रहा है, साथ ही नियमों की अनदेखी की ओर भी इशारा कर रहा है।