काेविड काल में अब डेंगू का भी खतरा अक्टूबर माह में मिले 50 डेंगू पाॅजिटिव

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काेराेना के खिलाफ जंग जारी है, वहीं डेंगू भी लाेगाें काे चपेट में लेने लगा है। अकेले अक्टूबर महीने में जिले में डेंगू के 50 राेगी मिल चुके हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू और मच्छर जनित बीमारियाें से बचाव के लिए लाेगाें काे जागरूक कर रहा है। यही नहीं मानकाें की अनदेखी करने वालाें काे नाेटिस दिए जा रहे हैं।

मलेरिया विभाग के अधिकारियाें के अनुसार जनवरी से लेकर अक्टूबर माह तक जिले में 54 डेंगू राेगी मिल चुके हैं। जिनमें से अकेले 50 राेगी अक्टूबर माह में सामने आए हैं। यह आंकड़ा ताे स्वास्थ्य विभाग का है। प्राइवेट अस्पतालाें में डेंगू का उपचार कराने वालाें की संख्या अधिक हाे सकती है। जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ. जया गाेयल और डाॅ. सुभाष खतरेजा ने बताया कि डेंगू से निपटने के लिए लाेगाें काे घर-घर जाकर जागरूक किया जा रहा है।

400 से 600 रुपए किलाे तक मिल रहा बकरी का दूध
डेंगू पीड़ित की प्लेटलेट्स बढ़ाने में बकरी का दूध कारगर माना जाता है। हिसार के अलावा मंगाली और आसपास के गांव में बकरी का दूध 400 से लेकर 600 रुपये निकाले तक मिल रहा है।

डेंगू के लक्षण

# अकस्मात तेज सिर दर्द व बुखार का हाेना।
# मांसपेशियाें व जाेड़ाें में दर्द हाेना।
# आंखाें के पीछे दर्द हाेना, जाेकि आंखाें काे घुमाने से बढ़ता है।
# जी मिचलाना और उल्टी हाेना।
# गंभीर मामलाें में नाक में खून आना 
# मुंह में खून आना 
# त्वचा पर चकते उभरना

-जैसा का जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ. जया गाेयल ने बताया।


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