हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा में क्लर्कों की भर्ती विवादों में, हाई कोर्ट में याचिका दायर

 


हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा क्लर्क भर्ती का फाइनल परिणाम विवाद में आ गया है। खरखौदा निवासी रजत व अन्य ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में एचएसएससी द्वारा क्लर्क भर्ती का फाइनल रिजल्ट जो 3 सितम्बर 2020 को घोषित किया गया था उसे रद करने की मांग की है। 

मामले की सुनवाई के दौरान याची के वकील ने बेंच को बताया कि उसके मुवक्किल सामान्य व आरक्षित वर्ग के है। क्लर्क भर्ती का फाइनल रिजल्ट तय करते समय उनकी श्रेणी में जो कट ऑफ मार्क्स रखे गए थे, याची के अंक उनसे अधिक है। 

कोर्ट को बताया गया कि सामान्य श्रेणी के लिए कट ऑफ मार्क्स 69 रखे गए थे जबकि एक याचिकाकर्ता रजत जो सामान्य श्रेणी से संबध रखता था उसके अंक 71 है , ऐसे ही बीसी (ए) श्रेणी में अंतिम चयनित उम्मीदवार के 65 अंक थे लेकिन दो याचिकाकर्ता जो इस श्रेणी से है उनके अंक 66 व 67 है लेकिन इनका चयन नहीं किया गया। बीसी (बी) श्रेणी में भी कुछ ऐसा ही किया गया, एक याचिकाकर्ता जिसके अंक 69 है लेकिन उसका चयन नहीं हुआ जबकि 67 अंक वालों का चयन कर लिया गया। एससी वर्ग में 63 अंक वाले का चयन कर लिया गया जबकि एक याचिकाकर्ता मोहित के इतने ही अंक आने के बाद उसका नाम फाइनल सूची में नहीं रखा गया। 

हाई कोर्ट के जस्टिस सुदीप अहुलवालिया ने सभी दलील सुनने के बाद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को 28 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट ने आयोग को यह भी आदेश दिया कि इस मामले के विचाराधीन रहने तक सभी याचिकाकर्ता की श्रेणी में उनकी संख्या के अनुसार सीट खाली रखी जाए।


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