अस्थमा से हुये बेदम, तो ये नुस्खे बनयेंगे फेफड़ों को दमदार

 

अस्थमा साँस की एक गंभीर बीमारी है | आम बोल चाल की भाषा में इसे दमा कहा जाता है | छोटे बच्चे से लेकर बूढ़े तक , कोई भी इसका शिकार हो सकता है | इसका मुख्य कारण एलर्जी है , जो गन्दगी या प्रदूषंण की वजह से हो सकती है |इससे प्रभावित रोगी को सांस लेने बहुत तकलीफ होती है , छोटा सा काम करने में भी उसकी सांस फूल जाती है | बीमारी में श्वांस नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं और शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है | दमा का तेज़ अटैक होने पर रोगी की जान तक जा सकती है |

उपचार एवं नुस्खे -
शहद
शहद अस्थमा में काफी फायदेमंद है | खौलते हुए पानी में शहद मिलाकर नाक से सीधे उसका भाप लें | इस प्रयोग से बलगम पिघलता है और श्वांस नलिकाएं साफ़ होती है |
लहसुन
आधे कप दूध में 4-5 लहसुन की काली मिलाकर उबाल लें | कुछ दिनों तक लगातार इसका सेवन करने से अस्थमा में लाभ होता है |
मेथी
मेथी में एंटी एलर्जिक गुण होते हैं | एक बड़ा चम्मच मेथी दानों को एक गिलास पानी में इतना उबालें , जब तक पानी एक कप के बराबर न रह जाये | इस पानी में अदरक एवं शहद के रस का मिश्रण मिलाएं | कुछ दिनों तक सेवन करने से रोग में कमी आने लगेगी |
प्राणायाम -
प्राणायाम दमा के रोग में अत्यंत उपयोगी हैं और इसमें एक पैसे का भी खर्च नहीं | सुबह के समय वातावरण में ऑक्सीजन की बहुतायात होती हैं जो दमा के रोगी की सख्त जरूरत हैं | प्रायाणाम श्वसन तंत्र को फिर से ऊर्जावान बना देता हैं | इसीलिए नियमित रूप से प्राणायाम करें |

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