मोर्चे पर डटे जांबाज सैनिकों को अब दुश्मन की गोली की चिंता नहीं रहेगी। अभी तक उपलब्ध बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट भारतीय सैनिकों को पूर्ण सुरक्षा नहीं दे पा रहे थे। साथ ही ये कम सुविधाजनक और बहुत वजनी हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी भारतीय सैनिकों को नायाब तोहफा देने जा रहा है। स्वदेश निर्मित हल्का और अभेद्य रक्षा कवच जांबाजों को पूरी सुरक्षा प्रदान करेगा। जिस विशेष पदार्थ से इसे बनाया जाना है, वह सभी परीक्षणों में खरा उतरा है।
लगे 12 महीने : आइआइटी ने 12 माह के प्रयास के बाद एक बेहद हल्का और पूरी तरह अभेद्य कंपोजिट पदार्थ तैयार किया है। इससे बनने वाले बॉडी आर्मर को किसी भी प्रकार की बंदूक की गोली भेद नहीं पाएगी। यह कंपोजिट पदार्थ भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की चंडीगढ़ स्थित प्रयोगशाला में हर कसौटी पर खरा उतरा है। अब इससे जल्द ही बॉडी आर्मर तैयार किए जाएंगे। डीआरडीओ ने आइआइटी मंडी को यह प्रोजेक्ट सौंपा है।
शतप्रतिशत सुरक्षा और सुविधा : आइआइटी मंडी के सहायक प्रोफेसर डॉ. मुहम्मद तलहा ने बताया कि मैटीरियल ईजाद कर लेने के बाद अब बॉडी आर्मर तैयार करने पर कार्य शुरू हो गया है। इसे सैनिकों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रख कर डिजाइन किया गया है। यह छाती, सिर व पेट को पूरी तरह से कवर करेगा। शरीर के इन्हीं हिस्सों में गोली लगने से जान जाने का सबसे बड़ा खतरा रहता है।
बेहतर विकल्प : कारगिल संघर्ष में सेना मैडल से नवाजे गए सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर कहते हैं कि सैन्य, अर्धसैनिक बलों के पास जो बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट हैं, वे बहुत वजनी हैं। उन्हें हर समय पहने रहना संभव नहीं है। पेट की सुरक्षा के लिए अब तक कोई कवच नहीं बन सका है। हालांकि पिछले कुछ साल में हल्के जैकेट और हेलमेट भी आए हैं, लेकिन पेट को कवर करने वाले जैकेट नहीं बने हैं।
हर मोर्चे पर होगा मददगार : खुशाल ने बताया कि नक्सल व आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों को हर तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आतंकवादी हमेशा छिप कर वार करते हैं। इससे कई बार जवानों को संभलने का मौका तक नहीं मिलता है। कई बार दूर से स्नाइपर राइफल का इस्तेमाल करते हैं। ऐसी परिस्थितियों में यह कवच जवानों के लिए बड़े काम का साबित होगा।
ये है खूबी
-जिस पदार्थ से यह कवच बनाया जाना है, प्रायोगिक परीक्षण में वह पूरी तरह खरा उतरा
-इस पदार्थ से बनने वाला बॉडी आर्मर होगा बेहद हल्का और पूरी तरह अभेद्य
-यह पेट को भी कवर करेगा, जो बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं कर पाती थी
-जिस पदार्थ से यह कवच बनाया जाना है, प्रायोगिक परीक्षण में वह पूरी तरह खरा उतरा
-इस पदार्थ से बनने वाला बॉडी आर्मर होगा बेहद हल्का और पूरी तरह अभेद्य
-यह पेट को भी कवर करेगा, जो बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं कर पाती थी
यह बॉडी आर्मर हल्का और अभेद्य होगा। यह छाती, सिर व पेट को पूरी तरह से कवर करेगा। शरीर
के इन्हीं हिस्सों में गोली लगने से जान जाने का सबसे बड़ा खतरा रहता है।
के इन्हीं हिस्सों में गोली लगने से जान जाने का सबसे बड़ा खतरा रहता है।
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