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कोरोना की दूसरी लहर के दौरान एंटीबायोटिक की शीशी पर रेमडेसिविर का स्टिकर चिपका कर पांच करोड़ कमाने वाले मुख्यारोपी मुजफ्फरनगर निवासी मोहम्मद शहवार को पानीपत की सीआईए-तीन ने गिरफ्तार किया है। मोहम्मद शहवार के साथ चार अन्य को भी गिरफ्तार किया है। इनमे से दो उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और एक पंजाब के मोहाली का रहने वाला है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में इंजेक्शन बेचे गए। पुलिस ने मास्टरमाइंड मोहम्मद शहवार से 48 लाख रुपये भी बरामद किए हैं। मोहम्मद शहवार फिलहाल पुलिस रिमांड में है। पानीपत पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने बताया कि मोहम्मद शहवार ने हैदराबाद स्थित रेमडेसिविर बनाने वाली मूल कंपनी हेट्रोजेट को 30 हजार इंजेक्शन का ऑर्डर दिया, जो कि रिजेक्ट कर दिया गया। जिसके बाद उसने फर्जीवाड़े का प्लान बनाया। उसने पंचकूला स्थित सनवेट फार्मा कंपनी को बुखार में दी जाने वाली एंटीबायोटिक पिपरोटेजो के 30 हजार इंजेक्शन का ऑर्डर दिया, जिसमें से 12 हजार इंजेक्शन मिले।
ये इंजेक्शन मिलने के बाद इनको रात भर पानी में रखा और स्टीकर निकल दिए। जिसके बाद हेट्रोजेट कंपनी के स्टीकर और रैपर छपवाए और एंटीबायोटिक इंजेक्शन पर चिपका कर रेमडेसिविर के नाम पर बेचा। एक नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को 5000 रुपये की कीमत से बेचकर पांच करोड़ कमा लिए। स्टीकर हटाने और लगाने का काम मोहाली में हुआ था।
एसपी ने बताया कि मोहम्मद शहवार को स्टीकर और रैपर छपवाए में दिक्कत इसलिए नहीं हुई क्योंकि वह फार्मा का ही काम करता है और अपनी रजिस्टर्ड कंपनी की रजिस्टर्ड ईमेल आईडी से स्टीकर और रैपर छपवाने का ऑर्डर दिया था। एसपी ने कहा कि ऐसे में प्रिंटिंग एजेंसी का पूरे मामले में कोई रोल नहीं है।
कुल 12 हजार इंजेक्शन में से 10 हजार इंजेक्शन बेचे गए और 2 हजार इंजेक्शन भाखड़ा नहर में बहा दिए, क्योंकि पुलिस एक्टिव हो गई थी। 10 हजार में से 4000 इंजेक्शन पानीपत में खपाए गए थे।
अभी तक मुजफ्फरनगर निवासी मोहम्मद शहवार, सहारनपुर निवासी मोहम्मद अरशद और मोहमद अखलद के साथ मोहाली निवासी शाह आलम को गिरफ्तार किया गया है।
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