सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरियाणा सरकार द्वारा बर्खास्त किए गए 1983 पीटीआई अध्यापकों को एक और झटका मिला है। शिक्षा विभाग ने वीरवार को एक आदेश जारी कर कहा है कि यदि 2010-11 में चयनित किसी पीटीआई अध्यापक की मृत्यु के बाद यदि उसके परिवार को वित्तीय सहायता मिल रही हो तो उसे तुरंत रोक दिया जाए।
गौरतलब है कि पीटीआई भर्ती घोटाले की आशंका के चलते विजिलेंस ब्यूरो ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के हुड्डा सरकार में तत्कालीन चैयरमैन व सदस्यों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज किया है। 2005 में भुपिंदर सिंह हुड्डा हरियाणा के मुख्यमंत्री थे व हरियाणा कर्मचारी आयोग के चैयरमैन नंदलाल पुनिया सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर को 2005 में नियुक्ति दी गई थी। इनके कार्यकाल में पीटीआई भर्तियों को लेकर कार्रवाई शुरू हुई है। इस जांच की लपटें तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा तक भी पहुंच सकती हैं। पीटीआई घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद हुड्डा के लिए कानूनी परेशानियां और बढ़ सकती है।
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