सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मजीठिया वेज बोर्ड मामले में अहम फैसला सुनाते हुए देश के सभी राज्यों के श्रम विभाग एवं श्रम अदालतों को निर्देश दिया कि वे अखबार कर्मचारियों के मजीठिया संबंधी बकाये सहित सभी मामलों को छह महीने के अंदर निपटाएं। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति रंजन गोगोई एवं नवीन सिन्हा की पीठ ने ये निर्देश अभिषेक राजा बनाम संजय गुप्ता / दैनिक जागरण (केस नंबर 187/2017) मामले की सुनवाई करते हुए दिए।
गौरतलब है कि मजीठिया के अवमानना मामले में 19 जून 2017 के फैसले में इस बात का जिक्र नहीं था जिसे लेकर अभिषेक राजा ने सुप्रीम कोर्ट से इस पर स्पष्टीकरण की गुहार लगाई थी। हालांकि स्पष्टीकरण की याचिका जुलाई में ही दायर कर दी गई थी मगर इस पर फैसला आज आया जिससे मीडियाकर्मियों में एक बार फिर खुशी की लहर है।
आप सभी मीडियाकर्मियों से अपील है कि अपना बकाया हासिल करने के लिेए श्रम विभाग में क्लेम जरूर डालें अन्यथा आप इससे वंचित रह सकते हैं। अब अखबार मालिक किसी भी तरह से आनाकानी नहीं कर सकेंगे और मामले को लंबा नहीं खींच सकेंगे। अगर वे ऐसा करते हैं तो इस बार निश्चित रूप से विलफुल डिफेमेशन के दोषी करार दिए जाएंगे।
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