अदालत ने मामले में आरोपी बड़छप्पर वासी परसराम और इसके पुत्र कृष्ण, माला, इसके भाई मोहन उर्फ मोहिनी, भोलू और बजिंद्र उर्फ कालू के अलावा गांव के गंगादत्त, कलम सिंह, देवी राम, सुरेंद्र उर्फ छंगा, जींद वासी सोनू और रोहतक के गांव निडाना वासी जीवना को दोषी करार दिया है।
अभियोग के अनुसार फरवरी 2010 को नारनौंद थाना में धारा 148, 149, 307, 302 और शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता रामकेश ने बताया था कि शामलाती भूमि पर गोबर इत्यादि डालने के लिए कुरड़ी बना रखी थी। परसराम, ओम प्रकाश इत्यादि शामलाती भूमि व कुरड़ी पर कब्जा करना चाहते थे। इसको लेकर हुए विवाद में दोहरा हत्याकांड हुआ था।
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