एसटीएफ और पुलिस टीम की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। एसटीएफ ने इस बात की जानकारी जुटाई कि जब पुलिस टीम बिकरु गांव में दबिश देने के लिए पहुंची थी तब गांव में बिजली आ रही थी या नहीं। पूछताछ में पता चला कि दबिश के दौरान गांव में बिजली नहीं आ रही थी। पूरे गांव में अंधेरा छाया था। सिर्फ एक सोलर लाइट विकास दुबे के घर के बाहर जल रही थी। इसकी वजह से पुलिसकर्मियों को छतों पर छिपे बदमाशों का मूवमेंट नहीं दिख रहा था।
हिस्ट्रीशीटर विकास को इस बात की जानकारी थी कि पुलिस की टीमें दबिश देने के लिए आ रही हैं। विकास ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर हमले का प्लान तैया कर लिया था।विकास को पुलिस के हर मूवमेंट की जानकारी मिल रही थी। उस तक यह सूचना कौन पहुंचा रहा था, इसकी जांच चल रही है। चौबेपुर पुलिस शुरू से ही शक के घेरे में थी। सूत्रों के मुताबिक, दबिश के दौरान चौबेपुर एसओ और सिपाही सबसे पीछे थे।
पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि मुठभेड़ से पहले चौबेपुर स्थित शिवली सब स्टेशन पर फोन करके गांव की बिजली कटवाई गई थी। इसकी पुष्टि एक बिजली कर्मचारी ने की है। कर्मचारी का कहना है कि उसके पास फोन आया था- ‘बिकरु गांव के पास लाइन खराब हो गई। उसे ठीक करना है।’ इसके बाद बिजली काट दी गई थी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, चौबेपुर थाने में तैनात एक सिपाही ने शिवली सब स्टेशन पर फोन किया था। ये सिपाही बिकरु गांव का बीट कॉस्टेबल भी है। बीट सिपाही गांव की एक-एक गली और रास्ते से वाकिफ था। गुरुवार को हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर पर दबिश देने गए पुलिसकर्मियों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वे इतनी बड़ी साजिश का शिकार हो जाएंगे।
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