कार्मिक मंत्रालय ने केंद्रीय और प्रादेशिक प्रशिक्षण संस्थानों को 15 जुलाई से फिर खोलने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (standard operating procedure, SOP) जारी कर दिया है। इसमें कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए इन संस्थानों द्वारा उठाए जाने वाले जरूरी कदमों का उल्लेख किया गया है। एसओपी के मुताबिक, 'जहां तक संभव हो प्रशिक्षण कार्यक्रम डिजिटल/ऑनलाइन/ वर्चुअल मोड में आयोजित किए जाएंगे। जहां फिजिकल मोड में प्रशिक्षण आयोजित करना जरूरी हो वहां प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि की सावधानी पूर्वक समीक्षा की जानी चाहिए ताकि पाठ्यक्रम को डिजिटल और फिजिकल मोड में विभाजित करके ज्यादा सुसंगत बनाया जा सके।'
एसओपी के अनुसार, संबंधित प्रशिक्षण संस्थानों को केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा निर्धारित कोविड से संबंधित प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा होगा इनमें शारीरिक दूरी का पालन, मास्क पहनना इत्यादि शामिल हैं। इसके मुताबिक गर्भवती व दुग्धपान कराने वाली महिलाओं, दमा या फेफड़े की अन्य बीमारियों वाले लोगों, उच्च रक्तचाप के रोगियों, किडनी रोगियों, गंभीर हृदय रोगियों को खतरा अधिक है लिहाजा ऐसे प्रशिक्षुओं को अपनी वर्तमान तैनाती या प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान के संस्थान से ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में हिस्सा लेना चाहिए।
सभी कक्षाओं, कर्मचारी कक्षों, कार्यालयों, छात्रावासों, गलियारों, लॉबी, कॉमन एरिया और वॉशरूम्स की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत सफाई और सैनिटाइजेशन कराना होगा। इसके अलावा सभी प्रशिक्षुओं और कर्मचारियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना चाहिए।
एसओपी में सभी प्रशिक्षण संस्थानों से कोविड से संबंधित प्रशासनिक जिम्मेदारियों के लिए नोडल अधिकारियों को अधिसूचित करने के लिए भी कहा गया है। साथ ही भूमिकाओं के स्पष्ट निर्धारण के लिए समिति भी गठित की जानी चाहिए। प्रत्येक संस्थान में डॉक्टरों और नर्सिग स्टाफ के साथ मेडिकल क्लीनिक की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा सकती है। एसओपी के मुताबिक, सभी प्रशिक्षुओं से संस्थान में आने के बाद दैनिक आधार पर उनके संपर्को का विवरण रखने के लिए कहा जाना चाहिए।
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