ग्राम सचिव परीक्षा में नकल - पुलिस ने देर रात 6 और की गिरफ्तारी


पुलिस ने ग्राम सचिव पद की परीक्षा में नकल के खेल में शामिल 6 और आरोपियों की सोमवार देर रात गिरफ्तारी दिखा दी। इन आरोपियों में सेंटर्स में जैमर का ठेका लेने वाला टोकस वासी जसपाल और जैमर ठीक करने वाला किरोड़ी वासी रूपेश है। इनके अलावा सोनीपत वासी अंकित और आशीष, मतलोडा वासी जगबीर और किरोड़ी वासी प्रदीप भी पकड़े गए थे। इनका रोल परीक्षा में नकल करवाने, ई डिवाइस मुहैया करवाने, जैमर को बंद करके मोबाइल यूज इत्यादि का प्रयास करने का था।

पुलिस ने परीक्षार्थियों को ई-डिवाइस मुहैया करवाने वाले सोनीपत के गांव बटाना वासी रविंद्र को धर दबोचा है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि इसने घोड़ा फार्म रोड वासी विष्णु और राजली वासी दीपक सहित कई परीक्षार्थियों को ई-डिवास बेचे थे। 9 जनवरी को दीपक ने भी परीक्षा दी थी मगर वह डिवाइस के जरिए नकल करने में असफल रहा था।

10 जनवरी को विष्णु का एग्जाम था। इसकी मदद करते हुए मॉडल टाउन स्थित सरकारी स्कूल के बाहर कार में बैठे राजली वासी दीपक और इसके दोस्त गांव मेहंदा वासी दीपक को पुलिस ने पकड़ लिया था। नकल में सफलता नहीं मिली थी। पुलिस जांच में सामने आया कि वर्तमान में आरोपी रविंद्र जालंधर रेलवे स्टेशन पर बतौर टेक्निशियन कार्यरत है।

अपने गृह जिला संबंधित 2-3 साथियाें के साथ दिल्ली से ई-डिवाइस (माइक्रो ब्लूटूथ ईयर फोन, वॉकी-टॉकी) खरीदकर लाया था। इन्हें 10 हजार तो किन्हीं को 15 से 20 हजार रुपये तक में बेचे थे। आरोपी रविंद्र को अदालत में पेश करके 2 दिन के रिमांड पर हासिल किया है जबकि उक्त तीनों को जेल भेज दिया है।

मुस्तैदी आई काम : प्रश्न-पत्र आउट करने से पहले पकड़े गए आरोपी

पुलिस की पूछताछ में आरोपी विष्णु ने बताया कि कान में माइक्रो ब्लूटूथ ईयर फोन छुपाकर सेंटर में गया था। हमारा मकसद प्रश्न-पत्र लीक करके वॉकी-टॉकी से नकल करना था। 9 जनवरी को दीपक ने भी एग्जाम दिया था। उसने भी रविंद्र से ई-डिवाइस खरीदा था जोकि 8 जनवरी को उपलब्ध हुआ था।

हालांकि वह नकल करने में असफल रहा था। पहले से तय था कि प्रश्न-पत्र पर नाम व रोल नंबर नहीं लिखना है। शौचालय जाने के बहाने रोशनदान या खिड़की से प्रश्न-पत्र बाहर फेंकना था, जिसे प्राप्त कर दीपक कार में बैठकर वॉकी-टॉकी से संपर्क कर आंसर-की बतानी थी। तमाम योजना पर पुलिस की मुस्तैदी और पर्यवेक्षकों की पैनी नजर से पानी फिर गया।

दूसरा मामला: 8 से 10 लाख में सौदा हुआ था तय, गामड़ा का जितेंद्र वांटेड

पुलिस ने एचएयू कैंपस स्कूल में परीक्षा के दौरान नकली परीक्षार्थी गांव खेड़ी चौपटा वासी अमित और असली परीक्षार्थी हिंदवान वासी राकेश को पकड़ा था। इनसे ई-डिवाइस बरामद हुए थे। दोनों को अदालत में पेश करके तीन दिन के रिमांड पर हासिल किया है। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि मौखिक तौर पर हिंदवान वासी राकेश से 8 से 10 लाख रुपये में डील हुई थी।

गामड़ा वासी जितेंद्र उर्फ जीतू मामले में वांटेड है जिसने डील व डिवाइस मुहैया करवाई थी। जितेंद्र और अमित एक दुकान पर मिलते थे, जिनके संपर्क में राकेश था। जांच अधिकारी सतबीर ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में मौखिक हिसाब-किताब की बात सामने आई है। हालांकि जितेंद्र की गिरफ्तारी के बाद सच्चाई सामने आएगी।

तीसरा मामला: आज पेश होगा प्रवीण

सेंट कबीर स्कूल में ई-डिवाइस के साथ पकड़े गए आरोपी किरोड़ी वासी प्रवीण ने रिमांड के दौरान खुलासा किया है कि उसने सोनीपत के गांव बटाना वासी रविंद्र से ई-डिवाइस खरीदा था। फिलहाल प्रवीण 2 दिन के रिमांड पर है। मंगलवार को रिमांड खत्म होने पर अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले में आरोपी रविंद्र को तफ्तीश में शामिल किया जाएगा।

जैमर का वॉकी-टॉकी पर नहीं होता असर


पुलिस जांच में सामने आया है कि वॉकी-टॉकी पर जैमर का असर नहीं होता है। इसलिए माइक्रो डिवाइस का नकल में इस्तेमाल होने लगा है। पहले मोबाइल व सोशल मीडिया के माध्यम से प्रश्न-पत्र की फोटो खींचकर लीक किया जाता था। अब कम्युनिकेशन के लिए प्रयोग होने वाले डिवाइस काे नकल का नया जरिया बनाया है।

12वीं पास दे रहा था बीए पास का पेपर


हिसार पुलिस ने अभी तक की जांच में सात आरोपियों की गिरफ्तारी दिखाई। इनमें तीन बीए पास और बाकी 12वीं पास है। चौंकाने की बात यह कि 12वीं पास अमित बीए पास हिंदवान वासी राकेश की जगह पेपर देने के लिए सेंटर में फर्जी एडमिट कार्ड व ई-डिवाइस के साथ बैठा था। 4 अन्य आरोपी 12वीं पास हैं।


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