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मानव शरीर के बारे में बत्तीस रोचक तथ्य

मानव शरीर के बारे में बत्तीस रोचक तथ्य जो जानकर आपको अचम्भा होगा


1- मानव शरीर में जीव्हा सबसे शक्तिशाली मांसपेशी (Muscle) होती है.
2- हमारी आंतों में 3 ट्रिलियन (3 लाख करोड़) बैक्टिरिया होते हैं।
3- सांयकाल की तुलना में आप प्रात:काल अधिक लंबे होते हैं।
4- आपका पेट हर तीन दिन में एक परत बनाता है, खुद को पचाने से बचाने के लिए।
5- आधे घंटे में मानव शरीर इतनी गर्मी पैदा करता है कि उससे एक गैलन पानी गर्म हो जाएगा।
6- आंख अकेला ऐसा मल्टीफोकस लेंस है जो केवल दो मिली सकेंड में एडजस्ट हो जाता है।
7- जिस हाथ से आप लिखते हैं, उस हाथ के नाखून अधिक तेजी से बढ़ते हैं।
8- एक नवजात शिशु एक मिनट में 60 बार सांस लेता है। जबकि एक किशोर 20 बार और एक युवा 16 बार।
9- मनुष्य के जांघों की हड्डियां, कंक्रीट से भी ज्यादा मजबूत होती है।
10- खाए गए भोजन को पचने में लगभग 12 घंटे लगते हैं।
11- 18 साल के बाद आपका दिमाग बढ़ना बंद कर देता है।
12- मानव खाए बिना कई हफ्ते गुजार सकता है, लेकिन सोए बिना केवल 11 दिन।
13- आदमी के शरीर में 60,000 किमी लंबीरक्त वाहिकाएं हैं।
14- एक आदमी के पूरे जीवन के दौरान 22 किलोग्राम डेड स्किन निकलती है।
15- किस करने से अधिक, हाथ मिलाते हुए जीवाणुओं का आदान-प्रदान होता है।
16- आपका दिल दिन में लगभग 1,00,000 बार धड़कता है।
17- एक भ्रूण केवल तीन महीने के अंदर अपने फिंगरप्रिंट प्राप्त कर लेता है।
18- लड़कों में लड़कियों के मुकाबले मुंहासे होने की ज्यादा संभावनाएं होती हैं।
19- मनाव भ्रूण संगीत सुनने के दौरान ज्यादा प्रतिक्रिया करता है।
20- एक स्वस्थ दिमाग 20 वाट तक बिजली पैदा कर सकता है।
21- दांतों में पाया जाने वाला अनेमल, शरीर का सबसे शक्तिशाली पदार्थ है।
22- हमारे कान 50,000 हर्ट्स तक की फ्रीक्वेंसी सुन सकते हैं।
23- फिंगरप्रिंट की तरह हर इंसान की अपनी टंगप्रिंट होती है।
24- एक दिन में किडनी आपके खून के 300 लीटर फिल्टर करती है।
25- मस्तिष्क के पॉवर सर्कल्स का सम्बन्ध हाथ पैर की उँगलियों से भी होता है।
26- मानव शरीर में 30,00,000 करोड़ लाल रक्त कणिकाएं होती हैं।
27- त्वचा में कुल 72 किलोमीटर नर्व होती है।
28- इंसान एक साल में औसतन 62,05,000 बार पलकें झपकाता है।
29- जब आप शर्माते हैं तो आपके गालों के साथ आपके पेट की परतें भी सिकुड़ जाती हैं।
30- सबकी अपनी एक यूनिक गंध होती है।
31- मानव मस्तिष्क एक मिनट में हजार शब्द पढ़ सकता है।
32- मनुष्य अपने पूरे जीवनकाल में अपनी उंगुलियां 2.5 करोड़ बार मोड़ता व सीधी करता है।

कलौंजी के कुछ उत्तम गुण

कलौंजी एक कालजयी औषधि है, जानिये इसके कुछ उत्तम गुण



कलौंजी को एक बहुत विशेष गुण वाली औषधि माना गया है और आप लोग इसके बारे में बहुत कुछ सुनते और जानते रहते हैं । इस पोस्ट के माध्यम से हमारा प्रयास है कि हम कलौंजी के कुछ ऐसे गुणों से आपको परिचित करवायें जो अक्सर सभी को लाभ पहुँचाते है । आइये जानते हैं इन गुणों के बारे में इस पोस्ट के माध्यम से ।
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1. कलौंजी और जीरा को पीसकर लेप बनाकर मस्तक पर लगाने से सर्दी से होने वाले सिरदर्द मे लाभ होता है |
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2. गुर्दे और मूत्राशय की पथरी को गलाने के लिये कलौंजी को पीसकर शहद के साथ मिलाकर रोज दो बार पिया जाता है ।
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3. अनचाहे मस्सो को हटाने के लिये कलौंजी को सिरके मे मिलाकर लगाने से मस्से कट जाते है ।
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4. बवासीर के मस्सों को ठीक करने के लिये कलौंजी को जलाकर मस्सो के स्थान पर लगाने से मस्से ठीक हो जाते है ।
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5. 1 ग्राम चूर्ण कलौंजी के साथ शहद मे मिलाकर दिन मे कई बार चाटने से बुखार मे फायदा होता है ।
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6. जुकाम होने पर या नाक से पानी आने पर कलौंजी के चूर्ण मे जैतून का तेल मिलाकर नाक मे चार बूंद टपकाने से लाभ होता है ।
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7. सिर पर कलौंजी कै तेल की मालिश करने से स्मरण शक्ति मजबूत होती है ।
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कलौंजी के बारे में यह जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा ।

घुटने घिस गए है - बबूल और हरसिँगार का यह प्रयोग आजमा कर देख लें



घुटने घिस जाने के कारण बदलवाने की नौबत आ गयी है तो पहले एक बार बबूल और हरसिँगार का यह प्रयोग आजमा कर देख लें
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उम्र बढ़ने के साथ साथ घुटनों का घिस जाना बुजुर्ग लोगों के सबसे बड़ी पीड़ा की दशा बन जाती है और एक समय के बाद डॉक्टर बोल देते हैं कि घुटने बदलवा लो । इस अवस्था से आपके भी परिचय में कोई व्यक्ति हों तो उनको एक बार यह प्रयोग जरूर आजमाने के लिये बोलें, बहुत उम्मीद है कि बिना घुटने बदलवाये ही उनको काफी आराम आ जायेगा । जानिये इस प्रयोग के बारे में ।
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बबूल अथवा कीकर के पेड़ से आप सब भली भाँति परिचित होंगे ही । हमको बस इस बबूल के पेड़ की फलियॉ चाहियें । बबूल के पेड़ की फलियों को तोड़ कर उनको बीजों के साथ ही धूप में पूरी तरह सुखा लें और इमामदस्ते में दरदरा कूटकर, मिक्सी में चला कर उसका बारीक चूर्ण तैयार कर लें । आपकी पहली दवा तैयार है । इसको काँच की साफ और एयर टाईट शीशी में भरकर रख लो ।
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दूसरी चीज आपको चाहिये हरसिँगार के पेड़ के पत्ते । हरसिँगार के पेड़ के पत्तों का काढ़ा आपको रोज सेवन करने से पहले ताजा तैयार करना पड़ेगा । काढ़ा तैयार करना बहुत आसान है और इसकी विधी हम आपको बता रहे हैं । काढ़ा तैयार करने के लिये हर्सिँगार के दस पत्ते लेकर उनको 200 मिलीलीटर पानी के साथ साफ बरतन में उबलने के लिये रख दो । जब उबलते उबलते पानी 100 मिलीलीटर बाकि रहे तो उतार कर छान लों और पीने लायक ठण्डा करके पीना है ।
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सेवन विधी :-
बबूल की फलियों का चूर्ण 3 ग्राम औरहरसिँगार के पत्तों का काढ़ा 100 मिलीलीटर एक बार में पीना है और ऐसी दिन में दो खुराक पीनी हैं । एक बार सुबह को और एक बार शाम को । यह प्रयोग लगातार 60 दिन तक करने से घुटनों में वापिस जान आने लगती है ऐसा हमारी जानकारी में कुछ रोगियों का अनुभव है । यदि इस प्रयोग के साथ रोज एक बार गाय के दूध से बने देशी घी से घुटनों की हल्की हल्की मालिश की जाये तो और भी उत्तम परिणाम मिलने की सम्भावना होती है ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह से हानिरहित हैं, फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से ही इन प्रयोगों को करने की हम आपको सलाह देते हैं ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर करें । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमें भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है ।

हुक्के से धुम्रपान करा कर मरीजों का इलाज


यह तो हम सब जानते है कि धूम्रपान करना सेहत के लिए हानिकारक होता है। और हर जगह बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा होता है कि धुम्रपान सेहत के लिए हानिकारक है। लेकिन जो व्यक्ति पहले से बीमार हों उनके लिए तो यह किसी जहर से कम नहीं होता हैं। लेकिन एक ऐसी जगह है जहां पर मरीजों को दवाइयों के रूप में हुक्का पीने के लिए दिया जाता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक ऐसा अस्पताल है, जहां डॉक्टर खुद मरीजों को पीने के लिए हुक्का देते हैं। इस अस्पताल के डॉक्टरों का मानना है कि उनके खास हुक्के को पीने से न सिर्फ दमे के मरीज बल्कि सायनस, सर्दी सहित सभी श्वांस के रोगों से मुक्ति मिल जाती है। लगातार हुक्के का काश लगा रहे ये लोग कोई अपने शोक के लिए किसी हुक्के बार में नहीं बैठे हैं, बल्कि ये सभी अपनी अपनी अलग अलग बीमारियों से पीड़ित होकर उज्जैन के आर्युवेदिक कालेज में अपना इलाज करवा रहे हैं।

दरअसल देश भर में हुक्के को भले ही गलत नजरों से देखा जाता है लेकिन उज्जैन के आयुर्वेदिक अस्पताल में अनोखे तरीके से मरीजों का इलाज किया जाता है। दरअसल संभवतः देश में पहली बार उज्जैन के शासकीय धन्वतरी आर्युवेदिक अस्पताल में हुक्के से धुम्रपान करा कर मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

वही , अस्पताल का मानना है कि हुक्का पीने से कई लाइलाज बीमारियां ठीक हो जाती हैं। आपको बता दे कि यहां पर तंबाकू वाला हुक्का नहीं दिया जाता बल्कि इसमें तंबाकू की जगह पर जड़ी बूटियों का इस्तेमाल होता है।

बताया जाता है कि इन जड़ी बूटियों का धुआं सीधे शरीर के अंदर जाता है और मरीज को फायदा होता है।

इस अस्पताल के डॉक्टर निरंजन सर्राफ बताते हैं कि उनके पास देश के अलग-अलग हिस्सों से इलाज करवाने के लिए मरीज आते हैं और उनको इलाज से लाभ भी मिलता है। निरंजन ने दावा किया कि उनके अस्पताल का हुक्के पीने से दमा, जुखाम के अलावा फेफड़ों से जुड़ी हुई कई लाइलाज बीमारियां ठीक हो जाती हैं।

सफ़ेद बालो को जड़ से काला कर देगा यह नुस्खा


सही खानपान न होने या प्रदूषण भरे वातावरण के कारण भी कई बार बाल जल्दी सफ़ेद होने लग जाते है. ऐसे में नीचे दी विधि अपनाकर आप अपने बालों को फिर से काला और चमकदार बना सकते है.

सामग्री :- करी पत्ता, दही या छाछ
बनाने की विधि :- सबसे पहले 20 करी पत्तों को लेकर अच्छे से धो ले. फिर उन्हें मिक्सी में दही के 4-5 चम्मच के साथ पेस्ट तैयार कर ले. अब इस पेस्ट को पैक की तरह बालों की जड़ों में लगाएं. पहले
इससे 5 मिनिट तक मसाज करें. फिर इस पैक को बालों में 20 से 25 मिनिट तक लगाकर रखें. इसके बाद बालों को अच्छे से धो ले. आप इस पैक को महीने में दो बार अपने बालों में लगाते रहें. फिर देखें

कमाल, किस तरह आपके बाल हमेशा के लिए रहेंगे काले. डॉक्टर तक भी इस नुस्खे को मान गए है. फिर क्यों लगाना इन कैमिकल्स वाली डाई या कलर की.

आलू से भी करें काले बाल :- यह तरीका पौराणिक एवं कारगर है. आलू में पोटेशियम, आयरन और कैल्शियम पाया जाता है जो बालों को काला करने के अलावा यह उनको गिरने से बचता है, डेंड्रफ से निजात दिलाता है, बालों को मजबूत करता है और बालों को स्वस्थ रखता है.प्रयोग विधि :- दो-तीन आलू के छिलके निकालकर एक कप पानी में उबाल ले. ठंडा होने पर उसमे दो-तीन बूंदे लेवेंडर ऑइल की मिला ले. अब इस मिश्रण को बालों की जड़ों तक अच्छी तरह लगाकर 20 मिनिट के लिए छोड़ दे.फिर ठन्डे पानी से धो ले.


आयुर्वेदिक उपाय

सामग्री: नींबू, आमला पाउडर, साफ पानी।
विधि: नींबू के रस में, 2 चम्‍मच पानी और 4 चम्‍मच आमला पाउडर मिला कर पेस्‍ट बनाइये। 1 घंटे के लिये रख दें और फिर प्रयोग करें।

कैसे लगाएं: इस पेस्‍ट को 20-25 मिनट के लिये बालों और जड़ों में लगाएं और फिर सिर धो लें, लेकिन उस दिन शैंपू का प्रयोग ना करें।

ध्यान रखें ये बाते

बालों को धोते वक्‍त ध्‍यान रखें कि यह आपकी आंखों में ना जाए।
इस पेस्‍ट को हफ्ते में हर चौथे दिन प्रयोग करें। ऐसा करने से आपके सारे सफेद बाल एक ही महीने में काले होने लगेगें।
अगर हो सके तो, आयुर्वेदिक तेल, शैंपू और साबुन का ही प्रयोग करें।
बालों के लिये असली आमले का तेल प्रयोग करें।

तुलसी की पत्तियां खाने के फायदे

आयुर्वेद में तुलसी तथा उसके विभिन्न औषधीय गुणों का एक विशेष उल्लेख है। तुलसी को संजीवनी बूटी के समान भी माना जाता है। तुलसी एक पवित्र जड़ी बूटी मानी जाती है और सदियों पहले से इसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों को ठीक करने में होता आया है। कई घरों में रोजाना सुबह तुलसी के पेड़ की पूजा होती है। इसके सेवन से सर्दी-जुकाम समेत तमाम तरह की समस्याएं बहुत जल्दी ठीक हो जाती हैं। आयुर्वेद में तुलसी तथा उसके विभिन्न औषधीय गुणों का एक विशेष उल्लेख है। तुलसी को संजीवनी बूटी के समान भी माना जाता है।

हर रोग से छुटकारा दिलाएगी 1 कप तुलसी और हल्‍दी की चाय
आयुर्वेदिक चिकित्सा में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद बताया गया है।
तुलसी की जड़, उसकी शाखाएं, पत्ती और बीज सभी का अपना-अपना अलग महत्व है। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जो आपको तमाम तरह के इन्फेक्शन से बचाते हैं और स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको तुलसी की पत्तियों के सेवन से होने वाले कुछ ख़ास फायदों के बारे में बता रहे हैं।

 
ब्लड को प्यूरीफाई करने में मददगार
तुलसी की पत्तियों के सेवन से शरीर में मौजूद हानिकारक टॉक्सिन बाहर निकलने लगते हैं। ये पत्तियां पूरे शरीर में ब्लड फ्लो को और बेहतर बनाती हैं जिससे सारे अंग ठीक ढंग से काम करते हैं। रिसर्च के अनुसार नियमित रूप से इन पत्तियों के सेवन से खून में लाल रक्त कोशिकाएं और सफ़ेद रक्त कोशिकाओं की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिए रोजाना तुलसी की 8-10 पत्तियों को शहद के साथ मिलाकर सेवन करें। 
 
 
इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार 
रोजाना तुलसी के सेवन से शरीर की इम्युनिटी पॉवर मजबूत होती है। इसके लिए आप तुलसी युक्त चाय का सेवन करें। इस चाय को पीने से सर्दी-खांसी या जुकाम से तुरंत आराम मिलता है। रोजाना जब भी चाय बनाये तो उसमें 4-5 तुलसी की पत्तियां ज़रूर डालें। 
 
 
स्ट्रेस दूर भगाने में मददगार 
अगर आप हर समय स्ट्रेस में रहते हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो तुलसी से बढ़िया और कुछ भी नहीं है। इन पत्तियों का रोजाना सेवन न सिर्फ आपके मेटाबोलिज्म को बेहतर करता है बल्कि इससे स्ट्रेस, एंग्जायटी और नींद से जुड़ी बीमारियों की समस्या कम हो जाती है। इसलिए रोजाना इन पत्तियों का सेवन ज़रूर करें।

 
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद
ऊपर बताये हुए सारे फायदों के अलावा तुलसी की पत्तियां आपके ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखने में मदद करती हैं। इन पत्तियों में पोटैशियम, मैग्नीशियम और विटामिन सी की मात्रा काफी ज्यादा होती है जिससे ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है। बेहतरीन परिणामों के लिए रोजाना 5-6 तुलसी की पत्तियां ज़रूर खाएं।

ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद 
तुलसी से रक्त में शुगर के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है। इन पत्तियों में एंटी डायबिटिक गुण होते हैं इसलिए तुलसी के रोज सेवन से इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है और डायबिटीज होने का खतरा नहीं रहता है। रोजाना सुबह तुलसी की पत्तियां शहद के साथ खाना सबसे ज्यादा फायदेमंद है।

 
यूरिक एसिड को नियंत्रित रखने में मदद
जोड़ों में दर्द होना या किडनी की पथरी होने में सबसे मुख्य कारण यूरिक एसिड ही है। आपको बता दें कि तुलसी के सेवन से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा कम होती है जिससे जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है।

 
मेटाबोलिज्म बढ़ाने में मददगार
इन पत्तियों के सेवन से शरीर की इम्युनिटी पॉवर तो बढ़ती ही है साथ में बॉडी का मेटाबोलिज्म भी बेहतर होता है। इस वजह से आपका पाचन तंत्र ठीक से काम करने लगता है और पेट से जुड़ी बीमारियां खत्म हो जाती हैं।


साँसों से जुड़ी बीमारियों से राहत 
अगर आप रोजाना तुलसी के पत्तियों का सेवन करते रहें तो आपके शरीर का ब्लड फ्लो एकदम ठीक हो जाता है। इस वजह से शरीर के सभी अंगों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलने लगता है और वे ठीक ढंग से काम करने लगते हैं। अगर आपको सांसो से जुड़ी कोई समस्या है तो बेहतर होगा कि आप तुलसी की पत्तियों का सेवन शुरू कर दें। यह अस्थमा के मरीजों के लिए भी बहुत फायदेमंद है।

पेट और जांघ की चर्बी कम करना चाहते हैं - नौकासन से दिखेगा फर्क


खानपान में लापरवाही की वजह से पेट की चर्बी बढ़ने लगती है। पेट और जांघों की चर्बी को कम करने में काफी समय लगता है। कई बार तो जिम में पानी की तरह पैसा बहाने के बावजूद इससे निजात पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। अगर आप भी बढ़ती तोंद या जांघों पर जमा होती चर्बी को वाकई कम करना चाहते हैं तो यह करामती आसन आपकी मदद कर सकता है।

इस आसन के दौरान शरीर का आकार नौका जैसा होता है इसलिए इस आसन को नौकासन कहते हैं। यह आसन शरीर को लचीला बनाता है, पेट और शरीर के निचले हिस्से पर जमा फैट्स को घटाता है और एब्स की टोनिंग भी करता है।

नौकासन करने की विधि
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले मैट पर पीठ के बल सीधा लेट जाएं।
- अब सांस लेते हुए दोनों पैर ऊपर उठाएं और दोनों हाथों से पैर के पंजे छूने की कोशिश करें।
- इस स्थिति में शरीर का अग्रभाग और पैर, दोनों ही ऊपर की ओर होने चाहिए।
- कुछ सेकंड इस अवस्था में रहने के बाद सांस छोड़ते हुए लेट जाएं।
- कुछ सेकंड बाद इस प्रक्रिया को दोहराएं।
- करीब 15 सेकंड के गैप पर इस प्रक्रिया को पांच बार दोहराएं और धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ाते जाएं। इसे अधिकतम 30 बार कर सकते हैं।


नौकासन करने से आपका पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। जिसकी वजह से व्यक्ति को पाचन संबंधित रोग जैसे कब्ज, एसिडिटी, गैस आदि से छुटकारा मिलता है। इतना ही नहीं इस आसन को करने से कमर में थोड़ी बहुत परेशानी हो सकती है लेकिन धीरे धीरे यह आपके कमर को मजबूत बनाता है।

नोट- रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या या बीपी के मरीज इस आसन को डॉक्टरी परामर्श के बाद ही करें।

पोटली - वायरल, मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव


वायरल, मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया का मौसम आ गया है बचाव की कर लें तैयारी, जानिये बचाव की पोटली के बारे में
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चैत्र का महीना शुरू होते ही भारत में वायरल बुखार और मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के रोगियों की सँख्या बढ़ने लगती है । इन सब बिमारियों से बचने का एक बहुत अच्छा तरीका है कि इन सब बीमारियों को पैदा करने वाले मुख्य कारण मच्छरों को पनपने ही ना दिया जाये । हम आपको इस पोस्ट में कुछ उपाय बता रहे हैं जो मच्छरों की प्रजाती को पनपने से रोकेंगे और सबसे आखिर में एक विशेष पोटली बनाने का तरीका जो मच्छरों के प्रकोप से आपको सुरक्षित रखने में मददगार सिद्ध होगी । आइये जानते हैं सावधानियों के बारे में ।
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1 :- अपने घरों के आसपास नालियों, पुराने पड़े टायरों, नारियल के छिलकों और अन्य इस तरह की सभी चीजें जिनमें पानी इकट्ठा हो सकता हो उन सबकी सफाई पर पूरा ध्यान रखें । नालियों में पानी रुकने ना दें और अन्य पड़ी चीजों जिनमें पानी जमा हो सकता है उस अबको नष्ट कर दें ।
2 :- अपने क्षेत्र की नगर पालिका अथवा नगर पंचायत, नगर निगम आदि से सामूहिक रूप से क्षेत्र में मेलाथियॉन नामक दवा के छिड़काव का आग्रह करें ।
3 :- अपने घर के अन्दर आप पाइरेथ्रम नामक दवा का छिड़काव करवायें । ये दवायें और इनको छिड़काव करने वाले आपको अपने क्षेत्र में किसी कीटनाशक बेचने वाली दुकान पर मिल जायेंगें ।
4 :- कूलर और पानी के अन्य भण्डारों को दस दिन में एक बार जरूर साफ करें और उसमें सफाई के बाद क्लोरीन डालें ।
5 :- पानी की टंकियॉ जो छत पर लगी होती है उनको 3 सप्ताह में जरूर साफ करवा लें और इनका ढक्कन को अच्छे से बंद करके रखें ।
6 :- घर में पालतु मवेशी हैं तो उनके रहने की जगह से गोबर और मूत्र को रोज नियमित साफ रखें ।
7 :- मच्छरों से बचाव के लिये मच्छरदानी और ऑलआऊट जैसी मशीन लगा कर सोयें ।
8 :- अगर कुछ घण्टों से बंद कमरे में प्रवेश करना है तो उस कमरें में पहले मच्छर मारने का कार्ड जलाकर कमरे को पुनः 5 मिनट के लिये बंद कर दें उसके बाद ही प्रवेश करें ।
9 :- सफाई का विशेष ध्यान रखें ।
10 :- कपड़े जहॉ तक सम्भव हो पूरी आस्तीन के ही पहनें ।
11 :- विटामिन सी वाले फलों जैसे कि नीम्बू, संतरा, चकोतरा आदि का नियमित सेवन करें ।
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घर में लगायें यह सुरक्षा पोटली :-
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घर के वातावरण को शुद्ध रखने के लिये और मच्छरों के पनपने से रोकने के लिये घर में यह सुरक्षा पोटली जरूर लगायें । इसको बनाने की विधी बहुत सरल है । इसको बनाने के लिये आपको निम्न सामग्री की जरूरत पड़ेगी ।
1 :- दालचीनी 5 ग्राम
2 :- लौंग 2 ग्राम
3 :- कपूर 20 ग्राम
4 :- नीम का तेल 10 मिलीलीटर
5 :- साफ सूती कपड़े का टुकड़ा
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साफ सूती कपड़े के टुकड़े पर ऊपर लिखी गयी मात्रा में दालचीनी लौंग और कपूर को रखकर उसकी एक छोटी सी पोटली बना लें और इस पोटली को नीम के तेल में डुबोकर कुछ समय के लिये खाली प्लेट में रख दें जिससे अतिरिक्त तेल निकल जाये । इस तरह की चार पाँच पोटली बना कर घर के सभी कमरों में किसी खुली जगह पर लटका दें । ध्यान रखें हर 10 दिन बाद इस पोटली को बदल कर नयी पोटली लगानी है । परिवार को सुरक्षित रखने के लिये इतना प्रयास किया जाना उचित भी है ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो क्रपया लाईक और शेयर जरुर कीजियेगा । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है ।