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हरनाज सिंधू बनी मिस यूनिवर्स, इस सवाल का जवाब देकर जीता दिल - Miss Universe 2021 Harnaaz Sandhu


21 साल बाद देश के लिए एक सुनहरा पल आया है. मिस यूनिवर्स 2021 का खिताब देश की बेटी हरनाज संधू (Harnaaz Sandhu) को मिला है. 70वां मिस यूनिवर्स पेजेंट इस साल 12 दिसंबर को इजराइल में हुआ. हरनाज कौर संधू (Harnaaz Kaur Sandhu) 21 साल की हैं. खास बात ये है कि इंडिया ने ये टाइटल 21 साल के लंबे समय के बाद जीता है. आइए जानते हैं कि वो कौन-सा सवाल है, जिसका जवाब देने के बाद उन्हें इस कॉम्पटीशन में मिस यूनिवर्स का खिताब मिला.

सभी टॉप तीन प्रतियोगियों से सवाल पूछा गया था कि आप दबाव का सामना कर रहीं महिलाओं को क्या सलाह देंगी? इसपर हरनाज कौर संधू (Harnaaz Kaur Sandhu) ने जवाब दिया, आपको ये मानना होगा कि आप अद्वितीय हैं और यही आपको खूबसूरत बनाती है. बाहर आएं, अपने लिए बोलना सीखें क्योंकि आप अपने जीवन के नेता हैं. इस जवाब के साथ ही हरनाज संधू से इस साल का मिस यूनिवर्स 2021 का खिताब अपने नाम कर लिया.



कौन हैं हरनाज

पंजाब के चंडीगढ़ की रहने वाली हरनाज संधू पेशे से एक मॉडल हैं. 21 साल की हरनाज ने मॉडलिंग व कई पेजेंट में हिस्सा लेने और जीत हासिल करने के बावजूद भी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया. हरनाज (Harnaaz Kaur Sandhu) ने साल 2017 में मिस चंड़ीगढ़ का खिताब जीता था. इसके बाद उन्होंने मिस मैक्स इमर्जिंग स्टार इंडिया का खिताब अपने नाम किया. ये दो प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम करने के बाद हरनाज ने मिस इंडिया 2019 में हिस्सा लिया और तब वह टॉप 12 तक पहुंची थीं. मॉडलिंग के साथ-साथ हरनाज एक्टिंग में भी कदम रख चुकी हैं. हरनाज के पास दो पंजाबी फिल्म ‘यारा दियां पू बारां’ और ‘बाई जी कुट्टांगे’ हैं.

एचडीएफसी बैंक शुरू करेगा मोबाइल एटीएम सेवा (HDFC BANK MOBILE ATM TO BE STARTED)



निजी क्षेत्र की एचडीएफसी बैंक ने शनिवार को घोषणा की कि वह देश के कई प्रमुख शहरों में चलित एटीएम सेवा फिर शुरू करेगी। कई राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर के कारण लाॅकडाउन लगाया गया है। ऐसे में लोग पैसा निकालने व अन्य बैंक सेवाओं के लिए बैंक तो छोड़ दीजिए एटीएम तक भी नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में बैेंक ने इस सेवा की पहल की है।

बैंक द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इस सुविधा से लोग घर के पास पहुंचने वाली मोबाइल एटीएम वैन से नकद पैसा निकाल सकेंगे। इससे उन्हें कोविड-19 के संक्रमण का खतरा भी नहीं रहेगा और घर बैठे बैंक सुविधा मिल सकेगी। दिनभर में ये चलित एटीएम किसी शहर के अलग-अलग हिस्सों में घूमेंगे और तय समय तक वहां रुकेंगे। इनके जरिए 15 तरह के लेन-देन भी किए जा सकेंगे।

बायजू एक रणनीतिक विलय के माध्यम से आकाश एजुकेशनल सर्विसेज का अधिग्रहण कर रहा है


भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन-शिक्षा स्टार्टअप बायजू ने सोमवार को कहा कि उसने एक रणनीतिक विलय के माध्यम से आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड का अधिग्रहण किया है। बायजू रवेन्द्रन ने कहा कि यह आकाश के विकास को गति देने के लिए और निवेश करेगा।

अधिग्रहण के बाद, आकाश एजुकेशनल सर्विसेज संस्थापक जेसी चौधरी और आकाश चौधरी के नेतृत्व में स्वतंत्र रूप से काम करती रहेगी।

BYJU’S के संस्थापक और सीईओ, बायजू रवेन्द्रन ने कहा, “मैं Aakash Educational Services Limited (AESL), एक मार्केट लीडर और टेस्ट प्रीप सेवाओं में सबसे भरोसेमंद नाम, हम पर खुश हूं। हमारी पूरक ताकत हमें क्षमताओं का निर्माण करने, आकर्षक और व्यक्तिगत सीखने के कार्यक्रम बनाने में सक्षम करेगी। सीखने का भविष्य हाइब्रिड है और यह संघ ऑफ़लाइन और ऑनलाइन सीखने का सबसे अच्छा साथ लाएगा, क्योंकि हम छात्रों के लिए प्रभावी अनुभव बनाने के लिए अपनी विशेषज्ञता को जोड़ते हैं। "

ब्लैकस्टोन समूह भी समर्थित आकाश एजुकेशनल सर्विसेज आकाश इंस्टीट्यूट चलाती है, जिसमें देश के छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल स्कूलों में प्रवेश पाने के लिए 200 से अधिक    सेंटर  हैं।

बंगलौर-मुख्यालय वाले बायजू की 2020 में $ 1.25 बिलियन से अधिक की वृद्धि हुई थी और इसका मूल्य ब्लैकरॉक और टी रोवे मूल्य से पिछले नवंबर में लगभग 200 मिलियन डॉलर होने के बाद इसका मूल्य $ 12 बिलियन था। भारत के दूसरे सबसे मूल्यवान स्टार्टअप को फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के चैन जुकरबर्ग इनिशिएटिव, टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट और बॉन्ड कैपिटल द्वारा समर्थित है, जो सिलिकॉन वैली निवेशक मैरी मीकर द्वारा सह-स्थापित है।

नई शिक्षा नीति के तहत नहीं होंगी 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं? जानिए सच








केंद्र सरकार ने बीते साल नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी है। करीब 34 साल बाद आई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं। नई शिक्षा नीति को लेकर सोशल मीडिया पर अब एक मैसेज वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि नई शिक्षा नीति के तहत सिर्फ 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं होंगी। 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं का कोई प्रावधान नहीं होगा।


क्या है वायरल मैसेज में-

मैसेज में लिखा गया है- ‘कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति को हरी झंडी दे दी है। 30 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया है। नई शिक्षा नीति की उल्लेखनीय बातें सरल तरीके की इस प्रकार हैं:- केवल 12वीं क्लास में होगा बोर्ड, 10वीं बोर्ड खत्म, एमफिल भी होगा बंद। अब सिर्फ 12वीं में बोर्ड परीक्षा देनी होगी। जबकि इससे पहले 10वीं बोर्ड की परीक्षा अनिवार्य होती थी, जो अब नहीं होगी। 10वीं में एग्जाम नहीं होंगे। सरकारी, निजी, डीम्ड सभी संस्थानों के लिए होंगे समान नियम। आदेशानुसार- माननीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार।’


क्या है सच-

एक मैसेज में दावा किया गया है कि नई शिक्षा नीति के अनुसार अब केवल 12वी कक्षा में बोर्ड की परीक्षाएँ होंगी और 10वी कक्षा में बोर्ड परीक्षा का कोई प्रावधान नहीं होगा। #PIBFactCheck: यह दावा #फर्जी है। @EduMinOfIndia ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है। पढ़ें:education.gov.in/sites/upload_f
एक मैसेज पर फ़र्ज़ी की मोहर जिसमे दावा किया गया है की नई शिक्षा नीति के अनुसार अब केवल 12वी कक्षा में बोर्ड की परीक्षाएँ होंगी और 10वी कक्षा में बोर्ड परीक्षा का कोई प्रावधान नहीं होगा।
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PIB फैक्ट चेक ने ट्वीट में लिखा है- “एक मैसेज में दावा किया गया है कि नई शिक्षा नीति के अनुसार अब केवल 12वी कक्षा में बोर्ड की परीक्षाएँ होंगी और 10वी कक्षा में बोर्ड परीक्षा का कोई प्रावधान नहीं होगा। यह दावा फर्जी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है।” इसके साथ ही पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने नई शिक्षा नीति 2020 की पीडीएफ फाइल भी शेयर की है।

गूगल ने दिया भारत बंद में बेहतरीन साथ - दिया हर बंद रास्ते पर रेड मार्क

 


भारत बंद में किसान सफल रहे। 

पुलिस शांति बनाए रखने में सफल रही। 

हर मुसाफ़िर अपनी जगह पर पहुँचने मे भी सफल रहा। 

गूगल ने दिया हर मुसाफ़िर का साथ, हर दस मिनट में दिया एक नया रास्ता। मैंन टू मैंन मार्किंग कर खुद दिए अनेको नए रास्ते। 

ना कहीं जाम लगे और ना ही कहीं झड़प हुई, क्योंकी जो लोग गूगल मैप इस्तमाल करते है उन्हें गूगल ने जाम रोड्स को खुद ही रूट से हटा दिया। 

जाम वाली जगह बचे तो सिर्फ पुलिस और किसान, साथ ही वो लोग जो गूगल मैप का इस्तमाल नहीं करते। 


पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021: राजनीतिक दलों से नाउम्मीद हो रहे हैं



पिछले कुछ सालों से शैक्षणिक संस्थाएं भी राजनीतिक दलों के निशाने पर ही रहीं हैं - चाहे वो कोई भी दल हो. इस कारण युवा सार्वजनिक रूप से अपने मन की बात करने से भी कतराते हैं.

कोलकाता में पढने वाले छात्रों को लगता है कि राज्य और केंद्र सरकारों ने शिक्षा और उच्च शिक्षा को लेकर अपनी अलग-अलग नीतियाँ बनाई हैं, लेकिन उनका लाभ छात्रों को ज़्यादा नहीं मिल पाता है.

अरिथ्रो, इंजीनियरिंग के छात्र हैं और उन्हें लगता है कि लगातार शोध और उच्च शिक्षा के बजट में कटौती होती चली जा रही है. उन्हें लगता है कि युवाओं और छात्रों के मुद्दे राजनीतिक दलों के एजेंडे से बाहर ही रहते हैं.