आज की अनियमित जिंदगी में खान - पान असंतुलन एक आम बात है , लेकिन जब यह असंतुलन एक सीमा को पार कर जाता है तो कब्ज हो जाता है | पेट फूला रहना , शौच साफ़ न होना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं | व्यक्ति को शौच निवृति के लिए बहुत जोर लगाना पड़ता है | भूख भी कम हो जाती है |
उपचार एवं नुस्खे -
मुनक्का -
कब्ज में मुनक्का बहुत असरदार है | रोज रात को 6 -7 मुनक्का सोने से पहले खाएं , इससे कब्ज समाप्त होती है | इसके अलावा सुबह उठकर 4-5 मुनक्का , इतने ही काजू के दानों के साथ खाली पेट भी ले सकते हैं | इससे भी कब्ज की शिकायत दूर होगी |
त्रिफला का उपयोग -
त्रिफला आयुर्वेद की बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि है | हरड़ , बहेड़ा व आवंला को तीन बराबर भाग में लें एवं चूर्ण बना लें , यही त्रिफला कहलाता है | एक लीटर पानी में , दो चम्मच त्रिफला को रात में भिगोकर रख दीजिये | सुबह उठकर त्रिफला को छान लें एवं इस पानी को पी लें | कुछ दिनों तक यह प्रयोग करने से कब्ज में बहुत आराम मिलता है |
अजवाइन -
एक चम्मच त्रिफला चूर्ण , एक चम्मच अजवाइन एवं एक चम्मच सेंधा नमक लें , तीनों को साथ मिला कर चूर्ण बना लें | रोज इस चूर्ण को गरम पानी के साथ लिया करें | कुछ दिनों के सेवन से कब्ज में काफी फायदा मिलता है |
इसबगोल -
इसबगोल की भूसी बहुत ही आसानी से बाजार में उपलब्ध है |यह कब्ज के रोग में रामबाण का काम करती है एवं इसे जड़ से मिटा देती है | इसे आप रात को सोने से पहले गुनगुने दूध या पानी के साथ ले सकते हैं |
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