होम लोन नहीं चुका पा रहे - आपके पास हैं ये उपाय


बड़े से लेकर छोटे शहरों तक में घरों की बढ़ती कीमतों को देखते हुए उसे खरीदने के लिए होम लोन जरूरी हो गया है. इनकम टैक्‍स की धारा 80सी और धारा 24 के तहत होम लोन पर मिलने वाली टैक्‍स छूट के कारण भी अधिकांश नौकरी-पेशा लोग होम लोन लेना चाहते हैं. लेकिन अफसोस कि इसे पूरा करने के बाद भी ठीकठाक संख्‍या में लोगों को मुंह की खानी पड़ती है. हम बात उन लोगों की कर रहे हैं, जो नौकरी छूटने या फिर किसी अन्‍य आकस्मिक कारणों से होम लोन की ईएमआई नहीं चुका पाते हैं. आज हम ऐसे लोगों के लिए एक्‍सपर्ट की राय के साथ ही सभी जरूरी उपाय लेकर आए हैं

जब होम लोन बन जाता है नासूर


होम लोन से घर खरीदने में भले ही बड़ी मदद मिलती हो, लेकिन यह लंबे समय के लिए आपकी लायबिलिटी भी बन जाता है. आज असुरक्षित जॉब मार्केट और खराब हो रही जीवन शैली के बीच नौकरी छूटने से लेकर हम कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के भी शिकार हो जाते हैं. इन सबके अलावा जीवनयापन, बच्‍चों की पढ़ाई और बेटी की शादी के बढ़ते खर्च के कारण भी मिडिल क्‍लास से आने वाले लोग कई दफा मुसीबत में फंस जाते हैं.

इन कारणों से भी आती हैं समस्‍याएं
ईएमआई नहीं चुकाने की समस्‍या भविष्‍य की अपनी इनकम का अधिक आकलन करने और जरूरतों को कम करके देखने से भी पैदा होती है.

समय पर ईएमआई नहीं चुकाने के ये होते हैं असर
आपको सबसे पहले यह जान लेना चाहिए कि बैंक किसी भी सूरत में आपका लोन माफ नहीं करेगा. हां अगर आप लगातार 3 महीने तक लोन डिफॉल्‍ट करते हैं तो बैंक आपकी प्रॉपर्टी जब्‍त कर सकता है. पहली बार ईएमआई डिफॉल्‍ट करने पर बैंक उसकी फिक्र नहीं करता है, लेकिन दूसरी बार होने पर वह आपको अलर्ट करता है और तीसरी बार डिफॉल्‍ट करने पर बैंक इस लोन को एनपीए मानने लगता है. इसके बाद वह रिकवरी के उपाय करने लगता है.

तीन महीने के बाद वह कानूनी नोटिस भेज सकता है. इसके बाद बैंक प्रॉपर्टी की वैल्‍यू तय करके इसकी नीलामी करने की प्रक्रिया शुरू कर देता है. नीलामी की तारीख सामान्‍य तौर पर नोटिस के एक महीने बाद रखी जाती है.

आपके पास ये हैं मौके
बैंक कानूनी और नीलामी प्रक्रिया में उलझना नहीं चाहता है. इसलिए वह अमूमन नीलामी में 6 महीने का समय ले लेता है. आप 6 महीने के भीतर बैंक से सम्‍पर्क करके पूरे मामले को पटरी पर ला सकते हैं. आप बैंक से अपने लोन का रीस्‍ट्रक्‍चर भी करवा सकते हैं. इसके अलावा आप अपनी दूसरी जमीन, प्रॉपर्टी, सोना, बीमा पॉलिसी, म्‍यूचुअल फंड्स जैसी चीजें बेचकर भी लोन चुका सकते हैं.

इन सबसे भी अगर बात नहीं बनती है तो आप इस घर को बेच सकते हैं. रियल एस्‍टेट एक्‍सपर्ट प्रदीप मिश्रा के अनुसार भी संकट बढ़ाने से अच्‍छा है कि आप घर को बेच दें. रियल एस्‍टेट एक्‍सपर्ट प्रदीप मिश्रा के अनुसार भी संकट बढ़ाने से अच्‍छा है कि आप घर को बेच दें.

बीमा से नहीं मिलता है समाधान
अगर किसी ने लोन का बीमा भी करा रखा है तो भी उसका फायदा कर्जदार की मौत के बाद ही मिलता है. चूंकि होम लोन 15 से 20 साल के लिए होता है, इसलिए समस्‍या और बढ़ जाती है.


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