केरोली टाकक्स - पहला शूटर जिसने दो ओलम्पिक स्वर्ण पदक जीते


यह कहानी है एक ऐसे हीरो केरोली टाकक्स की जिसकी किस्मत ने उसे हराने की पूरी योजना बना ली थी लेकिन उसके बाद भी उसने अपनी मेहनत और जूनून के सहारे , किस्मत को हराया और विश्व इतिहास बनाया. यह कहानी उन सभी लोगो को प्रेरित करेगी जो अपनी किस्मत से लड़ने को तैयार है.

केरोली टाकक्स

जन्म  -21 जनवरी 1910 (हंगरी) – 5 जनवरी 1976 (आयु 65)
खेल – शूटिंग 
कामयाबी – पहला शूटर जिसने 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल में दो ओलम्पिक स्वर्ण पदक जीते.
इंसान अक्सर अपने असफल होने का कारण अपनी किस्मत या फिर उसके पास उपलब्ध संसाधनों की कमी को बताता हैं इसके बावजूद कई ऐसे लोग है जो अपनी जिंदगी की रेस में जीते और जो मुकाम वो पाना चाहते थे उससे कई गुना उन्हें मिला. ये कहानी है एक शूटर की जिसने अपनी मेहनत और जूनून के सहारे किस्मत को भी हरा दिया. बात 1938 की है हंगरी की आर्मी में एक शूटर था करौली. 
जो उस देश का सबसे बहतरीन शूटर था सारे देश को उससे उम्मीद थी की 1940 में होने वाले ओलंपिक्स में करौली ही गोल्ड मैडल जीतेगा लेकिन फिर एक हादसा हुआ और करौली के उसी हाथ में एक बम फट गया जिससे उसका हाथ बुरी तरह से खराब हो गया और डॉक्टर्स ने कहा अब वो शूटिंग नही कर सकता। करौली अपने लक्ष्य से बस 2 साल दूर था उसको अपने पर पूरा विश्वास था की वो जरूर जीतेगा पर उसकी किस्मत ने उसे हराना चाहा लेकिन वो हारा नही उस हादसे के 1 महीने बाद ही उसने अपने दूसरे हाथ से शूटिंग की प्रैक्टिस शुरू कर दी उसे दुनिया का बेस्ट शूटर बनना था और उसके लिए अब उसके पास उसका लेफ्ट हैंड ही बचा था उसने कुछ ही टाइम में अपने लेफ्ट हैंड को बेस्ट हैंड बना लिया। 
उन दिनों हंगरी में एक शूटिंग कॉम्पिटिशन हुआ वहा देश के सारे शूटर आये थे वहा करौली भी गया और बाकी शूटर करौली की हिम्मत की दात देने लगे की कुछ महीनो पहले उसके साथ हादसा हुआ और फिर भी वो बाकि शूटर्स का हौसला बढ़ाने आ गया लेकिन वो तो वहा पर उनके साथ कॉम्पिटिशन करने गया था वो भी अपने लेफ्ट हैंड से और उस कॉम्पिटिशन को अंत में करौली ने जीता। 
2 सालो में अपने लेफ्ट हैंड को इस लायक बना लिया की वो आने वाले ओलंपिक में भाग ले सके। लेकिन 1940 में होने वाले ओपलम्पिक गेम दूसरे विश्व युद्ध के चलते रद्द कर दिए गए पर करौली बहुत निराश हुआ लेकिन उसने अपनी हिम्मत नही तोड़ी और 1944 के ओलंपिक के लिए खुद को तैयार किया और 1944 के ओलम्पिक खेल भी रद्द हो गए। करौली ने अब भी हार नही मानी और 1948 में अपने देश को गोल्ड मैडल दिलवाया। करौली का सपना पूरा हो गया पर वो अब भी नही रुका और 1952 में भी ओलम्पिक में हिस्सा लिया और एक बार फिर करौली ने गोल्ड मेडल जीता । 
इसी के साथ लगातार 2 बार गोल्ड मेडल जितने वाला पहला एथलीट बन गया। दोस्तों हारने वालो के पास कई हज़ार बहाने होते है लेकिन जीतने वाले के पास बस एक वजह होती है जो उसे जीत दिलवाती है। 
आप अगर कुछ ठान लो तो वो होना ही होना है फिर दुनिया की कोई भी शक्ति आपको उस काम को करने से नही रोक सकती।
संदीप माहेश्वरी का हिंदी का वीडियो सेमिनार


हनीप्रीत ने खोले हिंसा के राज़।



ताज़ा ख़बर : 

समस्त हरियाणा । हनीप्रीत को लेकर हरियाणा पुलिस पहुंची पंजाब के बठिंडा में । बठिंडा के जंगिराणा गांव में पहुँची पुलिस। बताया जा रहा है कि हनीप्रीत के फरार रहने के दौरान वह इसी गांव में मौजूद थी।

ताज़ा ख़बर : 

(समस्त हरियाणा समाचार)
पंचकूला। हनीप्रीत ने खोले हिंसा के राज़।
हनीप्रीत ने पंचकूला में हुई हिंसा के बारे में एस आई टी को कुछ मत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई है। ये बता दे कि अभी इस आई टी द्वारा बिपासना और हनीप्रीत को आमने सामने बैठाकर पूछताछ होनी बाकी है। हनीप्रीत ने कबूल किया कि पंचकूला में राम रहीम को सजा दिये जाने वाले दिन किस तरह दंगे करवाये गए थे। एक मैसेज द्वारा तमाम लोगो को दंगा फैलाने के लिये तैयार किया गया। इस मामले में पुलिस ने हनीप्रीत के बयान पर कई तथ्य जुटा लिए है।

37 दलों ने भीड़ को बांट कर किया था मैसेज।
एस आई टी के मुताबिक हनीप्रीत ने बताया कि हिंसा के लिए सवा करोड़ रुपये बांटे गए थे।
राम रहीम से भी इस मामले में पुलिस करेगी पूछताछ।



 पुरानी  ख़बर :

अदालत ने जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की करीबी सहयोगी हनीप्रीत इंसां की पुलिस रिमांड की अवधि 13 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी. बलात्कार के एक मामले में डेरा प्रमुख को दोषी ठहराए जाने के बाद हुयी हिंसा के सिलसिले में हनीप्रीत को गिरफ्तार किया गया है.



हरियाणा पुलिस ने प्रियंका तनेजा (36 साल) उर्फ हनीप्रीत की और नौ दिनों के लिए रिमांड मांगी थी. हनीप्रीत अपने को डेरा प्रमुख की गोद ली हुई बेटी बताती हैं. हनीप्रीत के वकील एस के गर्ग नरवाना ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रोहित वत्स की अदालत में सुनवाई के बाद संवाददाताओं से कहा कि पुलिस ने नौ दिनों की रिमांड की मांग की थी.
लेकिन अदालत ने दलीलें सुनने के बाद हनीप्रीत को तीन दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया. नरवाना ने कहा कि उन्होंने हनीप्रीत की पुलिस रिमांड का विरोध किया. पुलिस ने हनीप्रीत की रिमांड में वृद्धि किए जाने की मांग इस आधार पर की कि वे उन्हें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश आदि अन्य राज्यों में ले जाना चाहते हैं.
बचाव पक्ष के वकील के अनुसार अदालत ने हनीप्रीत के साथ गिरफ्तार एक अन्य महिला सुखदीप कौर की भी पुलिस रिमांड तीन दिनों के लिए बढ़ा दी. अदालत ने चार अक्तूबर को हनीप्रीत तथा कौर को छह दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था. दोनों को कड़ी सुरक्षा के बीच पंचकूला अदालत में पेश किया गया.







 पुरानी  ख़बर



हनीप्रीत दिल्ली हाईकोर्ट में राहत मांगने गई थी, लेकिन वहां से खाली हाथ लौटने के बाद हनीप्रीत किसी और कोर्ट का दरवाजा खटखटाने नहीं पहुंची. आज हरियाणा पुलिस ने हनीप्रीत को बड़ा अल्टीमेटम दिया है. एडीजीपी मोहम्मद अकील ने कहा है कि हनीप्रीत सरेंडर कर दे. अगर वह ऐसा नहीं करती है तो उसे भगोड़ा घोषित कर दिया जाएगा.आखिर कौन है जो हनीप्रीत को बचा रहा है?

26 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट में हनीप्रीत की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद कल दिल्ली पुलिस ने प्रदीप आर्या के घर पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज खंगाला था. 25 अगस्त से फरार है हनीप्रीत हनीप्रीत 25 अगस्त से फरार है. उसी दिन राम रहीम गिरफ्तार हुआ और पंचकूला में हिंसा फैली. पंचकूला में हिंसा को लेकर हनीप्रीत पर गंभीर आरोप हैं. पुलिस ने हनीप्रीत पर जो धाराएं लगाई हैं, उसमें 121 A सबसे गंभीर है. 121 A देशद्रोह की धारा है और इसके तहत दोषी ठहराए जाने पर 10 साल से लेकर उम्रक़ैद तक की सज़ा हो सकती है. वहीं धारा 120 B में हनीप्रीत को आपराधिक साज़िश रचने का भी आरोपी बनाया गया है. धारा 145, 150, 151, 152 दंगों से जुड़ी धाराएं हैं, जिसमें हनीप्रीत पर लोगों को भड़काने, हिंसा के लिए उकसाने, लालच देकर दंगा कराने और शासकीय काम में अड़चन पैदा करने का आरोप है. जबकि धारा 153 में हनीप्रीत पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा है.!

हरियाणा सरकार के रोजगार का वादा



राजधानी हरियाणा. युवाओं को नौकरी देने का वादा कर सत्ता में आई भाजपा सरकार अपने 3 साल के कार्यकाल में सिर्फ 16000 युवाओं को नौकरी दे पाई है। भर्ती प्रक्रिया की इस धीमी गति से यह स्पष्ट हो रहा है कि सरकार इन नौकरियों पर जॉइनिंग चुनावी वर्ष में ही कराने के मूड में दिख रही है। ताकि आगे उसका लाभ लिया जा सके। हालांकि सरकार सत्ता संभालने के एक साल बाद यानी जून-2015 में आयोग का गठन कर पाई थी।
 
तीन साल के कार्यकाल में निकाली गई 55000 वैंकेसी के लिए 1.30 करोड़ युवाओं ने आवेदन किया। इनमें से 45 लाख ऐसे हैं जिन्होंने एक से दो जगह, जबकि 85 लाख ऐसे युवा हैं जिन्होंने एक जगह आवेदन किया है। यानी 85 लाख वास्तविक उम्मीदवार मैदान में हैं। करीब 40 हजार पदों के लिए प्रक्रिया चल रही है। 
 
सरकारी नौकरी मांगने वालों में सर्वाधिक 50% युवा 12वीं पास हैं। 25% ग्रेजुएट, 15 % पोस्ट ग्रेजुएट और 10% 10वीं हैं। एचएसएससी से मिली जानकारी के मुताबिक अगस्त, 2017 तक प्रदेश में 55351 पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई। इनमें जेई, पीजीटी, टीजीटी, वीएलडीए, पटवारी, पुलिस कांस्टेबल, जूनियर कोच, यूडीसी, मंडी सुपरवाइजर समेत करीब 43 कैटेगरी में भर्ती किए गए युवा शामिल हैं। पिछली सरकार के समय से संघर्ष कर रहे करीब 12000 जेबीटी इनमें शामिल नहीं हैं। उन्हें अलग से जॉइनिंग दिलवाई गई है। 
 
हुड्डा राज में आखिरी 2 साल में निकली43 हजार भर्ती कोर्ट में
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने अपने कार्यकाल के आखिरी दो वर्षों वर्ष 2013-14 में सर्वाधिक 43 हजार वैकेंसी निकाली गईं। इनमें वर्ष 2009 वाले जेबीटी को तो नियुक्ति मिली। बाकी सभी नौकरियां कोर्ट में फंस गईं। योग्यता और नियमों की अनदेखी पर आवेदक कोर्ट गए। 
 
चौटाला राज में एचसीएस2003 की भर्ती चढ़ी राजनीति की भेट
पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के राज में वर्ष 2003 में एचसीएस की भर्ती आज तक विवादों में है। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश पर भाजपा सरकार ने 32 एचसीएस की जॉइनिंग करवाई है, लेकिन 102 चयनित उम्मीदवारों में कुछ अभी भी हाईकोर्ट के चक्कर काट रहे हैं। 
 
अनदेखी : आयोग कह रहा लीक नहीं यह तो नकल
राज्य में पिछले दिनों एक के बाद एक हुई पेपर लीक की घटनाओं के सवाल पर एचएसएससी के चेयरमैन भारत भूषण भारती का कहना है कि हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की एक भी परीक्षा का अब तक कोई पेपर लीक नहीं हुआ है। क्योंकि आयोग ने सिस्टम ही ऐसा फुलप्रूफ बनाया हुआ है कि उसमें पेपर लीक होना संभव ही नहीं है। दरअसल, पेपर लीक होना तब माना जाता है जब परीक्षा शुरू होने से पहले ट्रेजरी से परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के बीच पेपर लीक हुआ हो। अब तक जो घटनाएं सामने आई हैं वे पेपर लीक की नहीं, बल्कि नकल माफिया द्वारा नकल कराने के प्रयास की हैं। उनमें पुलिस प्रशासन प्रभावी कार्रवाई कर रहा है। 
 
रोजगार मुहैया कराना हमारी प्राथमिक्ता
युवाओं को रोजगार मुहैया कराना सबसे बड़ी जरूरत है। हम चाहते हैं कि सबको रोजगार के अवसर मिलें। इसके लिए शिक्षा औऱ कौशल विकास पर काम किया जा रहा है, ताकि युवा अपना कारोबार कर सकें। सरकारी नौकरियां बहुत कम हैं। सरकार हर साल ज्यादा से ज्यादा 15 हजार नौकरियां ही दे सकती है। इस हिसाब से एक जिले में 700 और एक विधानसभा क्षेत्र में 200 युवाओं को नौकरियां मिल सकती हैं। नौकरियां केवल योग्यता के आधार पर ही दी जाएंगी। क्योंकि जो व्यक्ति योग्यता के आधार पर नौकरी लेगा, वह कम से कम 35 साल तक प्रदेश को अपनी सेवाएं देगा। जब योग्य व्यक्ति की सेवाएं मिलेंगी तो निश्चित रूप से प्रदेश प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढ़ेगा। 
 
टूट रहा भेदभाव:  क्षेत्रियता की बातें अब हो रही खत्म 
अब यह अवधारणा टूटी है कि रोहतक, झज्जर और सोनीपत से ही सबसे ज्यादा युवाओं को नौकरी मिलती थी। आंकड़े बताते हैं कि इन दो सालों में यमुनानगर, भिवानी, हिसार, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, अम्बाला से सर्वाधिक आवेदन आए। जबकि गुड़गांव, फरीदाबाद, पंचकूला, मेवात से सबसे कम आवेदन आए। 
 
पहली बार : पहली बार मेवात से 39 पुलिसकर्मी हुए भर्ती
मेवात को अब तक राज्य का सबसे पिछड़ा जिला माना जाता रहा है। यही वजह है कि यहां से पिछले 67 सालों में केवल 7 लोग पुलिस में भर्ती हुए। जबकि पिछले दिनों 5000 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती में 39 युवा मेवात से आए। जिले में अब 4 डिग्री कॉलेज खुलने से भी युवाओं में पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़ा है। 

कवच को नहीं भेद पाएगी कोई भी गोली.!!!


मोर्चे पर डटे जांबाज सैनिकों को अब दुश्मन की गोली की चिंता नहीं रहेगी। अभी तक उपलब्ध बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट भारतीय सैनिकों को पूर्ण सुरक्षा नहीं दे पा रहे थे। साथ ही ये कम सुविधाजनक और बहुत वजनी हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी भारतीय सैनिकों को नायाब तोहफा देने जा रहा है। स्वदेश निर्मित हल्का और अभेद्य रक्षा कवच जांबाजों को पूरी सुरक्षा प्रदान करेगा। जिस विशेष पदार्थ से इसे बनाया जाना है, वह सभी परीक्षणों में खरा उतरा है।

लगे 12 महीने : आइआइटी ने 12 माह के प्रयास के बाद एक बेहद हल्का और पूरी तरह अभेद्य कंपोजिट पदार्थ तैयार किया है। इससे बनने वाले बॉडी आर्मर को किसी भी प्रकार की बंदूक की गोली भेद नहीं पाएगी। यह कंपोजिट पदार्थ भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की चंडीगढ़ स्थित प्रयोगशाला में हर कसौटी पर खरा उतरा है। अब इससे जल्द ही बॉडी आर्मर तैयार किए जाएंगे। डीआरडीओ ने आइआइटी मंडी को यह प्रोजेक्ट सौंपा है।
शतप्रतिशत सुरक्षा और सुविधा : आइआइटी मंडी के सहायक प्रोफेसर डॉ. मुहम्मद तलहा ने बताया कि मैटीरियल ईजाद कर लेने के बाद अब बॉडी आर्मर तैयार करने पर कार्य शुरू हो गया है। इसे सैनिकों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रख कर डिजाइन किया गया है। यह छाती, सिर व पेट को पूरी तरह से कवर करेगा। शरीर के इन्हीं हिस्सों में गोली लगने से जान जाने का सबसे बड़ा खतरा रहता है।
बेहतर विकल्प : कारगिल संघर्ष में सेना मैडल से नवाजे गए सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर कहते हैं कि सैन्य, अर्धसैनिक बलों के पास जो बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट हैं, वे बहुत वजनी हैं। उन्हें हर समय पहने रहना संभव नहीं है। पेट की सुरक्षा के लिए अब तक कोई कवच नहीं बन सका है। हालांकि पिछले कुछ साल में हल्के जैकेट और हेलमेट भी आए हैं, लेकिन पेट को कवर करने वाले जैकेट नहीं बने हैं।
हर मोर्चे पर होगा मददगार : खुशाल ने बताया कि नक्सल व आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों को हर तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आतंकवादी हमेशा छिप कर वार करते हैं। इससे कई बार जवानों को संभलने का मौका तक नहीं मिलता है। कई बार दूर से स्नाइपर राइफल का इस्तेमाल करते हैं। ऐसी परिस्थितियों में यह कवच जवानों के लिए बड़े काम का साबित होगा।

ये है खूबी
-जिस पदार्थ से यह कवच बनाया जाना है, प्रायोगिक परीक्षण में वह पूरी तरह खरा उतरा
-इस पदार्थ से बनने वाला बॉडी आर्मर होगा बेहद हल्का और पूरी तरह अभेद्य
-यह पेट को भी कवर करेगा, जो बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं कर पाती थी

यह बॉडी आर्मर हल्का और अभेद्य होगा। यह छाती, सिर व पेट को पूरी तरह से कवर करेगा। शरीर
के इन्हीं हिस्सों में गोली लगने से जान जाने का सबसे बड़ा खतरा रहता है।

कहां करें, कितना करें, क्यों करें निवेश.!!!


पोर्टफोलियो बनाने के लिए तीन पैमानों के लिहाज से शेयरों का चयन किया जाता है। पहला पैमाना है- समय अवधि के आधार पर, दूसरा- सेक्टर के आधार पर। तीसरा है- मार्केट कैपिटल के आधार पर। आपको पोर्टफोलियो निर्माण में इन तीनों मानकों का ख्याल रखना चाहिए। 

आप चाहे शेयरों की शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग करते हैं या लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट, पोर्टफोलियो की संरचना और संतुलन आपके लिए बेहद आवश्यक है। इस सीरीज में हम चर्चा करेंगे कि एक समझदार निवेशक को किस तरह अपना पोर्टफोलियो बनाना चाहिए? पोर्टफोलियो बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और बाजार के उतार चढ़ाव के बीच अपने पोर्टफोलियो को किस तरह ढालना चाहिए। 

सबसे पहले समझिए कि आखिर पोर्टफोलियो बनाने का बेसिक फॉर्मूला क्या है? इसके लिए आम तौर पर तीन पैमानों के लिहाज से शेयरों का चयन किया जाता है। पहला पैमाना है- समय अवधि के आधार पर, दूसरा- सेक्टर के आधार पर। तीसरा पैमाना है- मार्केट कैपिटल के आधार पर। आपको पोर्टफोलियो निर्माण में इन तीनों मानकों का ख्याल रखना चाहिए। 

निवेश अवधि 

समय अवधि का अर्थ है-आप कितने समय के निवेश के लिए शेयर चुनने जा रहे हैं। यानी अपने पोर्टफोलियो के लिए जिस शेयर को आप खरीद रहे हैं, उसे आप कितने समय बाद बेचकर मुनाफा कमाने की इच्छा रखते हैं। आप शॉर्ट टर्म में ट्रेड करने जा रहे हैं या फिर मध्यम अवधि के लिए या फिर लॉन्ग टर्म के लिए। आपके वित्तीय लक्ष्य क्या हैं, इस बात से निर्धारित होगा कि आपको अपने पोर्टफोलियो में किस प्रकार के शेयरों का निवेश करना चाहिए। 

सेक्टरों का चुनाव 

दूसरा मानक है-सेक्टर यानी क्षेत्रों पर आधारित शेयरों का चुनाव। आपको अपने पोर्टफोलियो में अलग अलग सेक्टरों के शेयर शामिल करना चाहिए। अगर मौजूदा दौर की बात करें तो मेरी सलाह होगी कि किसी खुदरा निवेशक को इन सेक्टरों के शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए- ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग, टेलीकम्युनिकेशन, बैंकिंग और नॉन बैंकिंग फाइनेंस, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर गुड्स। इसके अलावा आप पावर सेक्टर और सॉफ्टवेयर और आईटी के शेयरों को भी अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं। यह बस एक नमूना इसके अलावा भी आप अपनी पसंद और आकलन के आधार पर कई और क्षेत्रों के चुनिंदा शेयरों में निवेश की संभावना टटोल सकते हैं। 

अलग-अलग सेक्टर के शेयरों में निवेश का सबसे बड़ा लाभ यह रहता है कि आप बाजार के उतार-चढ़ाव के बीच अपने निवेश के जोखिम को कुछ हद तक नियंत्रित कर सकते हैं। अगर किसी एक सेक्टर का प्रदर्शन खराब होता है, फिर भी आपके पोर्टफोलियो पर इसका सीमित असर ही पड़ेगा। मान लीजिए कि आपके पोर्टफोलियो में ऑटोमोबाइल सेक्टर के दस फीसदी शेयर हैं। अब अगर सरकार इस सेक्टर से जुड़े टैक्स या अधिभार में वृद्धि करती है और इससे संबंधित शेयर लुढ़क जाते हैं, तब भी आपके मात्र दस फीसदी शेयर ही प्रभावित होंगे। इसलिए सलाह दी जाती है कि विविध प्रकार के सेक्टरों का पोर्टफोलियो में समावेश करना चाहिए। 

इसके अतिरिक्त यह भी बेहतर होगा कि एक ही सेक्टर के तीन चार अलग- अलग शेयरों में थोड़ा थोड़ा कर निवेश किया जाए। जैसे- अगर आप आईटी सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं तो आप टीसीएस, इनफोसिस, विप्रो और टेक महेंद्रा, एचसीएल जैसी कंपनियों को विकल्प के तौर पर सामने रख सकते हैं। 

मार्केट कैपिटल 

पोर्टफोलियो बनाने का तीसरा आधार मार्केट कैपिटल है- यानी जिस कंपनी के शेयर आप खरीदने जा रहे हैं, उसका पूंजीगत आधार कितना बड़ा है। वह लार्ज कैप है या मिड कैप या फिर स्मॉल कैप। नए खुदरा निवेशक तीनों तरह की प्रमुख कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकते हैं। लेकिन निवेश की सुरक्षा के लिहाज से स्मॉल कैप कंपनियों के स्टॉक में अपनी पूंजी का छोटा हिस्सा लगाएं और लार्ज कैप कंपनियों के शेयरों में अपेक्षाकृत बड़ा हिस्सा निवेश करें। हालांकि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि किस कंपनी का शेयर कब और कितना उठेगा या गिरेगा लेकिन आम तौर पर देखा जाता है कि लार्ज कैप कंपनियों के शेयरों में स्मॉल कैप के मुकाबले स्थिरता ज्यादा होती है। वैसे तो हर व्यक्ति को अपनी जरूरत के हिसाब से निवेश का अनुपात तय करना चाहिए लेकिन छोटे और खुदरा निवेशकों के लिए बेहतर होगा कि वे एक वक्त में किसी एक स्मॉल कैप कंपनी के शेयर में अपनी कुल पूंजी का पांच फीसदी हिस्सा ही लगाएं। लार्ज कैप के मामले में आप इसे बढ़ाकर आठ से दस फीसदी कर सकते हैं। एक और जरूरी बात शेयरों का चुनाव करते समय रिस्क फैक्टर पर जरूर गौर करें। जोखिम का मूल्यांकन करने के बाद ही निवेश का फैसला करें।

आधार कार्ड हेल्‍प लाइन नंबर है '1947' एक टोल फ्री नंबर शुरू


आधार कार्ड का उपयोग पहले से ज्यादा होने लगा है। कोई सरकारी काम हो या फिर अपनी पहचान के बारे में कही जानकारी देनी हो आधार कार्ड जरूरी हो गया। बैंकिंग क्षेत्र में आधार का उपयोग अधिक होता है। वहीं आधार कार्ड के बढ़ते उपयोग को देखते हुए सरकार ने इससे संबंधित हर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक टोल फ्री नंबर शुरू किया है। ताकि लोगों को हर जानकारी आसानी से घर बैठे मिल सके। भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा शुरू किया गया ये हेल्‍प लाइन नंबर है '1947',  अधिकारियों के मुताबिक इससे लोगों को आधार से संबंधित हर जानकारी तुरंत हासिल हो सकेगी। ये 1947 नंबर, शुल्‍क मुक्‍त रहेगा, जो पूरे साल आईवीआरएस मोड पर चौबीस घंटे उपलब्‍ध रहेगा।

साथ ही इस सुविधा के लिए कॉल सेंटर प्रतिनिधि सुबह सात बजे से रात 11 बजे तक (सोमवार से शनिवार) उपलब्‍ध रहेंगे। रविवार के दिन प्रतिनिधि सुबह आठ से बजे से शाम 5 बजे तक उपलब्‍ध होंगे। यूआईडीएआई के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी डॉक्‍टर अजय भूषण पांडे ने बताया कि हमारा टोल फ्री हेल्‍पलाइन नंबर 1947 दोबारा शुरू किया गया है, ताकि ज्‍यादा से ज्‍यादा इनकमिंग कॉल्‍स प्राप्‍त किए जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह से हर नागरिक को आधार के और नजदीक लाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इस पर कोई सुल्क नहीं लगेगा और इस नंबर पर मोबाइल अथवा लैंडलाइन के जरिए कॉल की जा सकती है।

होम लोन नहीं चुका पा रहे - आपके पास हैं ये उपाय


बड़े से लेकर छोटे शहरों तक में घरों की बढ़ती कीमतों को देखते हुए उसे खरीदने के लिए होम लोन जरूरी हो गया है. इनकम टैक्‍स की धारा 80सी और धारा 24 के तहत होम लोन पर मिलने वाली टैक्‍स छूट के कारण भी अधिकांश नौकरी-पेशा लोग होम लोन लेना चाहते हैं. लेकिन अफसोस कि इसे पूरा करने के बाद भी ठीकठाक संख्‍या में लोगों को मुंह की खानी पड़ती है. हम बात उन लोगों की कर रहे हैं, जो नौकरी छूटने या फिर किसी अन्‍य आकस्मिक कारणों से होम लोन की ईएमआई नहीं चुका पाते हैं. आज हम ऐसे लोगों के लिए एक्‍सपर्ट की राय के साथ ही सभी जरूरी उपाय लेकर आए हैं

जब होम लोन बन जाता है नासूर


होम लोन से घर खरीदने में भले ही बड़ी मदद मिलती हो, लेकिन यह लंबे समय के लिए आपकी लायबिलिटी भी बन जाता है. आज असुरक्षित जॉब मार्केट और खराब हो रही जीवन शैली के बीच नौकरी छूटने से लेकर हम कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के भी शिकार हो जाते हैं. इन सबके अलावा जीवनयापन, बच्‍चों की पढ़ाई और बेटी की शादी के बढ़ते खर्च के कारण भी मिडिल क्‍लास से आने वाले लोग कई दफा मुसीबत में फंस जाते हैं.

इन कारणों से भी आती हैं समस्‍याएं
ईएमआई नहीं चुकाने की समस्‍या भविष्‍य की अपनी इनकम का अधिक आकलन करने और जरूरतों को कम करके देखने से भी पैदा होती है.

समय पर ईएमआई नहीं चुकाने के ये होते हैं असर
आपको सबसे पहले यह जान लेना चाहिए कि बैंक किसी भी सूरत में आपका लोन माफ नहीं करेगा. हां अगर आप लगातार 3 महीने तक लोन डिफॉल्‍ट करते हैं तो बैंक आपकी प्रॉपर्टी जब्‍त कर सकता है. पहली बार ईएमआई डिफॉल्‍ट करने पर बैंक उसकी फिक्र नहीं करता है, लेकिन दूसरी बार होने पर वह आपको अलर्ट करता है और तीसरी बार डिफॉल्‍ट करने पर बैंक इस लोन को एनपीए मानने लगता है. इसके बाद वह रिकवरी के उपाय करने लगता है.

तीन महीने के बाद वह कानूनी नोटिस भेज सकता है. इसके बाद बैंक प्रॉपर्टी की वैल्‍यू तय करके इसकी नीलामी करने की प्रक्रिया शुरू कर देता है. नीलामी की तारीख सामान्‍य तौर पर नोटिस के एक महीने बाद रखी जाती है.

आपके पास ये हैं मौके
बैंक कानूनी और नीलामी प्रक्रिया में उलझना नहीं चाहता है. इसलिए वह अमूमन नीलामी में 6 महीने का समय ले लेता है. आप 6 महीने के भीतर बैंक से सम्‍पर्क करके पूरे मामले को पटरी पर ला सकते हैं. आप बैंक से अपने लोन का रीस्‍ट्रक्‍चर भी करवा सकते हैं. इसके अलावा आप अपनी दूसरी जमीन, प्रॉपर्टी, सोना, बीमा पॉलिसी, म्‍यूचुअल फंड्स जैसी चीजें बेचकर भी लोन चुका सकते हैं.

इन सबसे भी अगर बात नहीं बनती है तो आप इस घर को बेच सकते हैं. रियल एस्‍टेट एक्‍सपर्ट प्रदीप मिश्रा के अनुसार भी संकट बढ़ाने से अच्‍छा है कि आप घर को बेच दें. रियल एस्‍टेट एक्‍सपर्ट प्रदीप मिश्रा के अनुसार भी संकट बढ़ाने से अच्‍छा है कि आप घर को बेच दें.

बीमा से नहीं मिलता है समाधान
अगर किसी ने लोन का बीमा भी करा रखा है तो भी उसका फायदा कर्जदार की मौत के बाद ही मिलता है. चूंकि होम लोन 15 से 20 साल के लिए होता है, इसलिए समस्‍या और बढ़ जाती है.

Anushka Sharma may be kohli


Anushka Sharma may be Anushka Sharma Kohli being on air affair with well known Virat kohli. As known Virat kohli had many options to Anushka Sharma but catch few beautiful pictures clarifying why Mr. Kohli want her.













आंव या पेचिश का उपचार, लक्षण, परहेज


आंव(Dysentery)आने का रोग किसी भी व्यक्ति को हो जाता है तो उसे घबराना नहीं चाहिए बल्कि इसका इलाज सही तरीके से करना चाहिए-मल त्याग करते समय या उससे कुछ समय पहले अंतड़ियों में दर्द, टीस या ऐंठन की शिकायत हो तो समझ लेना चाहिए कि यह पेचिश का रोग है-इस रोग में पेट में विकारों के कारण अंतड़ी के नीचे की तरफ कुछ सूजन आ जाती है और उस हालत में मल के साथ आंव(Dysentery)या खून आने लगता है-



यदि मरोड़ के साथ खून भी आए तो इसे रक्तातिसार कहते हैं एक प्रकार का जीवाणु आंतों में चला जाता है जो पेचिश(Dysentery)की बीमारी पैदा कर देता है यह रोग पेट में विभिन्न दोषों के कुपित होने की वजह से हो जाता है-


यह रोग मक्खियों से फैलता है इसमें रोग के जीवाणु रोगी के मल में ही मौजूद रहते हैं जब कभी पेचिश(Dysentery)का रोगी खुले में मल त्याग करता है तो उस पर मक्खियां आकर बैठ जाती हैं वे उन जीवाणुओं को अपने साथ ले जाती हैं और खुली हुई खाने-पीने की चीजों पर छोड़ देती हैं फिर जो व्यक्ति उन वस्तुओं को खाता है उनके साथ वे जीवाणु उसके पेट में चले जाते हैं और इस तरह उस व्यक्ति को भी पेचिश की बीमारी हो जाती है-


आंव या पेचिश के लक्षण-


1- कच्चा और कम पचा भोजन भी पेट में कुछ समय तक पड़ा रहता है तो वह सड़कर पाचन संस्थान में घाव पैदा कर देता है इससे भी आंव(Dysentery)का रोग हो जाता है-


2- शुरू में नाभि के पास तथा अंतड़ियों में दर्द होता है और लगता है जैसे कोई चाकू से आंतों को काट रहा है इसके बाद गुदा द्वार से पतला,लेसदार और दुर्गंधयुक्त मल बाहर निकलना शुरू हो जाता है पेट हर समय तना रहता है और बार-बार पाखाना आता है तथा मल बहुत थोड़ी मात्रा में निकलता है जिसमें आंव और खून मिला होता है कभी-कभी बुखार भी आ जाता है-


3- जब आंव आने का रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तोइसके कारण व्यक्ति के मल के साथ एक प्रकार का गाढ़ा तेलीय पदार्थ निकलता है आंव रोग से पीड़ित मनुष्य को भूख भी नहीं लगती है रोगी को हर वक्त आलस्य, काम में मन न लगना, मन बुझा-बुझा रहना तथा अपने आप में साहस की कमी महसूस होती है-


आंव या पेचिश(Dysentery) का उपचार-




1- दस ग्राम सूखा पुदीना और दस ग्राम अजवायन तथा एक चुटकी सेंधा नमक और दो बड़ी इलायची के दाने लेकर आप इन सबको पीसकर चूर्ण बना लें तथा सुबह-शाम भोजन के बाद एक-एक चम्मच चूर्ण मट्ठे या ताजे पानी के साथ लें-


2- पुरानी पेचिश में तीन-चार दिन तक काली गाजर का रस सुबह-शाम भोजन के बाद सेवन करें-


3- आम की गुठली को सुखा लें फिर उसमें से गिरी निकालकर पीसें और दो चम्मच चूर्ण दही या मट्ठे के साथ सेवन करें-


4- चार-पांच कालीमिर्च मुख में रखकर चूसें तथा थोड़ी देर बाद आधा गिलास गुनगुना पानी पी लें


5- दो चम्मच जामुन का रस और दो चम्मच गुलाबजल आप दोनों को मिलाकर उसमें जरा-सी खांड़ या मिश्री डालकर तीन-चार दिन तक पिएं


6- अनारदाना,सौंफ तथा धनिया-इन तीनों को 100-100 ग्राम की मात्र में कूट-पीसकर चूर्ण बना लें फिर आप इसमें थोड़ी-सी मिश्री मिलाकर दिन भर में चार बार नीम की सात-आठ कोंपलें और मिश्री के साथ सेवन करें


7- एक कप गरम पानी में दस ग्राम बबूल का गोंद डाल दें और थोड़ी देर बाद जब बबूल फूल जाए तो पानी में मथकर उसे सेवन करें ये मल को बांधता है


8- कच्चे केले का रस एक चम्मच सुबह और एक चम्मच शाम को जीरा या कालीमिर्च के साथ सेवन करें


9- एक चम्मच ईसबगोल की भूसी 250 ग्राम दूध में भिगो दें और जब भूसी फूल जाए तो रात को जरा-सी सोंठ और जरा-सा जीरा मिलाकर सेवन करें


10- पुराने आंव को ठीक करने के लिए प्रतिदिन सुबह बिना कुछ खाए-पिए दो चम्मच अदरक का रस जरा-सा सेंधा नमक डालकर सेवन करें या फिर पुरानी पेचिश में आधा चम्मच सोंठ का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें


11- बीस ग्राम फिटकिरी और तीन ग्राम अफीम पीसकर मिला लें तथा इसमें से दो रत्ती दवा सुबह-शाम पानी के साथ लें


12- छोटी हरड़ का चूर्ण घी में तल लें फिर वह चूर्ण एक चुटकी और चार ग्राम सौंफ का चूर्ण मिलाकर दें


13- जामुन के पेड़ की छाल 25 ग्राम की मात्र में लेकर सुखा लें फिर उसका काढ़ा बनाएं और ठंडा होने पर दो चम्मच शहद मिलाकर पी जाएं


14- खूनी पेचिश में मट्ठे के साथ एक चुटकी जावित्री लेने से भी काफी लाभ होता है


15- सौंफ का तेल पांच या छ: बूंदें एक चम्मच चीनी में रोज दिन में चार बार लें


16- पेचिश रोग में नीबू की शिकंजी या दही के साथ जरा-सी मेथी का चूर्ण बहुत लाभदयक है


17- सेब के छिलके में जरा-सी कालीमिर्च डालकर चटनी पीस लें अब इस चटनी को सुबह-शाम भोजन के बाद सेवन करें


18- पेचिश होने पर आधे कप अनार के रस में चार चम्मच पपीते का रस मिलाकर पिएं


19- केले की फली को बीच से तोड़कर उसमें एक चम्मच कच्ची खांड़ रखकर खाएं तथा एक बार में दो केले से अधिक न खाएं



परहेज-
1- जितना हो सके आप बासी भोजन, मिर्च-मसालेदार पदार्थ, देर से पचने वाली चीजें, चना, मटर, मूंग आदि का सेवन न करें


2- वायु बनाने वाले पदार्थ खाने से भी पेचिश में आराम नहीं मिलता है अत: बेसन, मेदा, आलू, गोभी, टमाटर, बैंगन, भिण्डी, करेला, टिण्डे आदि नहीं खाना चाहिए


3- रोगी को भूख लगने पर मट्ठे के साथ मूंग की दाल की खिचड़ी दें


4- पानी में नीबू निचोड़कर दिनभर में चार गिलास पानी पिएं-इससे पेचिश के कारण होने वाली पेट की खुश्की दूर होती रहेगी


5- भोजन के साथ पतला दही, छाछ, मट्ठा आदि अवश्य लें तथा सुबह-शाम खुली हवा में टहलें और स्नान करने से पहले सरसों या तिली के तेल की शरीर में मालिश अवश्य करें-रात को सोते समय दूध के साथ ईसबगोल की भूसी एक चम्मच की मात्रा में लेने से सुबह सारा आंव निकल जाता है

हांगकांग के शिक्षण संस्थानों में पोस्टर लगे लोकतंत्र के समर्थन में


हांगकांग, रायटर। लोकतंत्र के समर्थन में हांगकांग के दर्जन भर से ज्यादा शिक्षण संस्थानों के परिसरों में पोस्टर लगाए गए हैं। इसमें चीन पर लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने का आरोप लगाया गया है। ऐसे में हांगकांग में फिर राजनीतिक माहौल गरम हो सकता है।
'एक देश, दो प्रणाली' सिद्धांत के आधार पर ब्रिटेन ने वर्ष 1997 में हांगकांग को चीन को सौंपा था। सात विश्वविद्यालयों के नोटिस बोर्ड पर चीन से स्वतंत्रता हासिल करने की वकालत की गई है। लोकतंत्र समर्थकों ने कुछ भवनों पर बड़े-बड़े काले बैनर लगा दिए हैं। हांगकांग की नेता कैरी लाम ने इसे चीन की संप्रभुता का उल्लंघन करार देते हुए आलोचना की है। उन्होंने संबंधित संस्थानों से उचित कार्रवाई करने को कहा है।
प्रतिष्ठित चाइनीज यूनिवर्सिटी समेत कुछ अन्य कॉलेजों ने घटना को असंवैधानिक करार दिया है, लेकिन कुछ संस्थानों ने इन पोस्टर-बैनर को बने रहने दिया है। रविवार को 13 संस्थानों ने साझा बयान जारी कर लाम और विश्वविद्यालय प्रशासन पर अभिव्यक्ति की आजादी को सीमित करने के प्रयास का आरोप लगाया है। वर्ष 2014 में लोकतंत्र समर्थकों ने व्यापक जनआंदोलन किया था, जिसके बाद कई शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।

समझौता ब्लास्ट मामले में सुनवाई।


पानीपत के बहुचर्चित  समझौता ब्लास्ट मामले में आज पंचकूला में हुई सुनवाई।

पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष NIA कोर्ट में हुई आज मामले की सुनवाई।

ब्लास्ट के मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद सहित सभी आरोपी हुए कोर्ट में पेश।

मामले में आज कोर्ट में सुनवाई के लिए पाकिस्तानी गवाहों के न पहुँचने के चलते भारतीय गवाहों के ही हुए बयान दर्ज।

आज की सुनवाई के दोरान 2 गवाहों के  हुए बयान दर्ज।

मामले की अगली सुनवाई अब 22 सितंबर को होगी।

समझौता ब्लास्ट मामले में पाकिस्तानी नागरिकों ने कोर्ट में पेशी के लिए पाकिस्तानी दूतावास के ज़रिए 4 महीनों का समय और मांगा था।

ब्लास्ट मामले में NIA कोर्ट ने 13 पाकिस्तानी नागरिकों को किये थे सम्मन।

जिसपर पाकिस्तानी नागरिकों की गवाहियां अब 27,28 व 29 नवंबर को होंगी।